नेगेटिविटी से बर्बाद हो जाती है जिंदगी, लॉकडाउन में हो सकते हैं इसके शिकार, ये 5 तरीके बचाएंगे

बहुत से लोग नेगेटिव आइडियाज और फीलिंग्स की वजह से परेशान रहते हैं। वे चाहते हैं कि सकारात्मक रहें, पॉजिटिविटी को अपनाएं, लेकिन कई कारणों से इसमें उन्हें दिक्कत होती है। जो लोग अकेलेपन के शिकार होते हैं, उनक साथ यह समस्या ज्यादा होती है। कोरोना वायरस फैलने के चलते लॉकडाउन में रह रहे काफी लोग नेगेटिविटी के शिकार हो रहे हैं।
 

लाइफस्टाइल डेस्क। बहुत से लोग नेगेटिव आइडियाज और फीलिंग्स की वजह से परेशान रहते हैं। वे चाहते हैं कि सकारात्मक रहें, पॉजिटिविटी को अपनाएं, लेकिन कई कारणों से इसमें उन्हें दिक्कत होती है। जो लोग अकेलेपन के शिकार होते हैं, उनक साथ यह समस्या ज्यादा होती है। कोरोना वायरस फैलने के चलते लॉकडाउन में रह रहे काफी लोग नेगेटिविटी के शिकार हो रहे हैं। अगर नेगेटिविटी मन में गहराई से जड़ जमा ले तो यह पर्सनैलिटी को खोखला कर देती है। इससे जिंदगी बर्बाद हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं और विचारों के जाल में फंस गया तो किसी भी क्षेत्र में उसे सफलता नहीं मिल सकती। ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है, जो सब कुछ होते हुए भी सिर्फ नकारात्मक भावनाओं व विचारों से मुक्त नहीं हो पाने के कारण कुछ नहीं कर सके। नेगेटिविटी कई तरह की मानसिक बीमारियों की भी वजह बन सकती है। इससे बचने के लिए कुछ तरीके कारगर हो सकते हैं।

1. पॉजिटिव चीजों पर फोकस करें
नेगेटिविटी से बचने के लिए आपको पॉजिटिव चीजों पर फोकस करना होगा, भले ही वे कितनी भी मामूली क्यों ना हों। अगर आपको किसी काम में सफलता नहीं मिली है या आपकी जॉब छूट गई है, तो परेशान होना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति में मन में नकारात्मक विचार और भावनाएं आएंगी, लेकिन इस दौरान आप अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करें और दूसरे काम की संभावनाओं की तलाश में समय लगाएं। इसमें आप अपने खास दोस्तों और शुभचिंतकों की मदद ले सकते हैं। इससे आपमें सकारात्मकता बढ़ेगी।

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2. खुद पर करें भरोसा
अगर आप हमेशा अपनी असफलताओं के बारे में ही सोचेंगे तो आपको निराशा होगी। इससे आप नकारात्मक विचारों और भावनाओं के जाल में उलझ जाएंगे। इससे बचने के लिए आपको खुद पर भरोसा करना पड़ेगा। आपको सोचना होगा कि आप कुछ भी कर सकते हैं और छोटी-मोटी असफलताएं कोई मायने नहीं रखतीं। आपको अपनी कमोजरियों के बारे में अच्छी तरह पता है। आप उन पर काबू पाने की कोशिश करें। आप खुद को भरोसा दिलाएं कि आप अच्छे इंसान हैं और कुछ भी कर सकते हैं। इसे 'पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग' कहते हैं। यह काफी असरदार तरीका है।

3. पॉजिटिव लोगों के बीच रहें
अगर आप अपने को नेगेटिव लोगों के बीच पाते हैं, जो हर समय निराशा भरी बातें करते हों तो वहां से निकल लें। ऐसे लोगों के बीच कम से कम समय बिताएं। हो सकता है कि इनमें कुछ ऐसे भी लोग हों, जिनका साथ पूरी तरह आप नहीं छोड़ सकते। आप अपना ज्यादा समय उन दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के बीच बिताएं जो हमेशा पॉजिटिव रहते हों। उनके बीच रहने से आप में सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।

4. वर्तमान में जिएं
अक्सर हम अपने पुराने दिनों के बारे में सोच-सोच कर परेशान होते रहते हैं। पहले की कोई असफलता, किसी की कही गलत बात और बुरी यादें नेगेटिविटी को बढ़ावा देती हैं। इसी तरह भविष्य की ज्यादा चिंता करने से भी मन में नकारात्मक विचार पैदा होते हैं। हमेशा यह सोचें कि जो समय बीत गया, वह दोबारा नहीं आ सकता और भविष्य हमेशा अनिश्चित होता है। इसलिए वर्तमान में जिएं और जो सही कदम हो, वह उठाएं। व्यर्थ की चिंता से कोई फायदा नहीं होता।

5. उम्मीद का दामन मत छोड़ें
भले ही अभी आपके जीवन में कितनी भी परेशानी क्यों न हो, आप उम्मीद का दामन कभी नहीं छोड़े और आशावादी बने रहें। आप यह सोचें कि जरूर कुछ ऐसा होगा, जिससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। कोई भी परेशानी हमेशा नहीं रहती। अपनी फैमिली और दोस्तों पर भरोसा रखें। आपके लिए जिसने भी कुछ अच्छा किया हो, उसका शुक्रिया अदा करें। खराब से खराब परिस्थिति में भी किसी की अगर आप कुछ मदद कर सकते हैं, तो ऐसा जरूर करें। इससे आप अपने अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे। 
 
 

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