क्या बच्चे रहते हैं उदास, इन 5 टिप्स की मदद से बनाएं घर में हंसी-खुशी का माहौल

कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन का बच्चों के दिलो दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अक्सर बच्चे अपनी बातें बताते नहीं हैं, लेकिन उनके बिहेवियर को देख कर यह आसानी से समझा जा सकता है कि वे भी तनाव और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। 

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन का बच्चों के दिलो दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अक्सर बच्चे अपनी बातें बताते नहीं हैं, लेकिन उनके बिहेवियर को देख कर यह आसानी से समझा जा सकता है कि वे भी तनाव और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह ये हैं कि लंबे समय से बच्चे घरों में कैद हैं। स्कूल तो बंद ही हैं, कोरोना की वजह से उनका दोस्तों से मिलना-जुलना भी बंद है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बावजूद बड़े लोग भी जरूरी कामों से ही घर से बाहर निकल रहे हैं, ऐसे में बच्चों को कौन बाहर घुमाने ले जाएगा। ऐसे माहौल में बच्चों का तनावग्रस्त हो जाना स्वाभाविक है। जानें कुछ टिप्स, जिनकी मदद से बच्चों के तनाव को दूर किया जा सकता है और डिप्रेशन के खतरे से उन्हें बचाया जा सकता है। 

1. बच्चों से हमेशा बातचीत करते रहें
बच्चों को ऐसा महसूस नहीं होना चाहिए कि कोई उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रह है, इसलिए बच्चों से बातचीत करते रहें। उनके इंटरेस्ट का जो टॉपिक हो, उस पर बात कर सकते हैं। पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद, टीवी-सिनेमा, किसी भी विषय पर बात करें। इससे उनका मन लगा रहेगा। 

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2. ऑनलाइन गेम से रखें दूर
आजकल बच्चे ऑनलाइन गेम काफी खेलने लगे हैं। इनमें पबजी जैसे गेम काफी खतरनाक हैं। इनका बच्चों के मन पर बहुत ही नेगेटिव असर पड़ता है। इससे भी बच्चे तनाव और डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। अक्सर पेरेंट्स इस पर ध्यान नहीं देते हैं। वे सोचते हैं कि चलो बच्चा कम से कम बिजी तो है। लेकिन यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को स्मार्टफोन नहीं दें और हर हाल में ऑनलाइन गेम खेलने से उन्हें रोकें।

3. फिजिकल एक्टिविटी में करें शामिल
अक्सर बच्चे उछलते-कूदते रहते हैं, इसलिए उन्हें अलग से फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन लॉकडाउन के दौरान घर में बंद रहने से बच्चे सुस्त पड़ते जा रहे हैं। इसलिए उन्हें समय से एक्सरसाइज करने के लिए जरूर कहें। साथ ही, घर के छोटे-मोटे काम भी करवाएं। 

4. पढ़ाई का समय तय रखें
बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं और घर पर भी नियमित तौर पर नहीं पढ़ें, तो पिछड़ जाएंगे। यह बात बच्चे भी समझते हैं और इसे लेकर टेंशन में रहते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि घर पर उनकी पढ़ाई के लिए समय तय कर दें। साथ ही, पढ़ाई में उनकी मदद भी करें। अगर जरूरी हो तो फोन पर टीचर्स से बच्चों की बात कराएं। उनके दोस्तों से भी फोन पर कभी-कभी बात करा सकते हैं। इससे बच्चे खुश रहेंगे।

5. घर पर ही कुछ चटपटा बनाएं
बच्चे चाट-पकौड़े, समोसे, मैगी, नूडल्स वगैरह खाना बहुत पसंद करते हैं। लंबे समय से लॉकडाउन की वजह से उन्हें बाहर जाकर खाने का मौका नहीं मिला है। अभी बच्चों के लिए बाहर से चाट-पकौड़े मंगवाना सेफ नहीं होगा। लेकिन आप चाहें तो घर पर ही कभी समोसे-पकौड़े या डोसा वगैरह बना सकते हैं। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिले और वे समय पर सोएं और जागें। 

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