
भारत में मंगलसूत्र की पहचान सुहागन से है, हर सुहागन अपने गले में मंगलसूत्र जरूर पहनती है। मंगलसूत्र शादी के वक्त दूल्हा अपनी पत्नी को सुहाग के निशानी के रूप में पहनाता है। बता दें कि अब मॉर्डन टाइम मंगलसूत्र के हजार से भी कई ज्यादा डिजाइन आ चुके हैं, ऐसे में आजकल के लोग डेली वियर में भले ही इन मॉर्डन पैटर्न और स्टाइल के मंगलसूत्र को पहनते हैं, लेकिन शादी-ब्याह, धार्मिक अवसर और तीज-त्यौहारों में लोग आज भी अपने पारंपरिक मंगलसूत्र को ही पहनते हैं। हर जगह की अपनी अलग डिजाइन और पैटर्न में मान्यताओं के साथ मंगलसूत्र होती है, ऐसे में आज हम आपको पहाड़ी मंगलसूत्र के कुछ डिजाइन दिखाएंगे, जिसे आप अपनी बहू या बेटी के लिए बनवा सकती हैं।
तिलहरी मंगलसूत्र पहाड़ी और नेपाली महिलाओं के द्वारा शादी और खास अवसरों पर पहनाया जाता है। मंगलसूत्र की ये डिजाइन छोटी से लेकर लंबी हर साइज में आती है, लेकिन तिलहरी मंगलसूत्र को पहाड़ी कमर तक की लंबाई में पहनती हैं और इसका पेंडेंट अन्य मंगलसूत्र के पेंडेंट से अलग और खास होता है।
ढोलकी या फिर ढोलना पेंडेंट वाली ये पहाड़ी मंगलसूत्र की डिजाइन भी बहुत सुंदर और खास है, इसमें छोटी से लेकर बड़ी तावीज के आकार की पेंडेंट होती है, जिसकी डिजाइन लोग अपनी पसंद से बनवाते हैं। खास बात ये है कि इस मंगलसूत्र की मोतियां हरी और लाल रंग की होती है, जिसकी अपनी अलग मान्यताएं है।
मॉर्डन पेंडेंट वाली पहाड़ी मंगलसूत्र आजकल की लड़कियां पहन रही हैं। इस मंगलसूत्र की साइज ज्यादा लंबी नहीं होती और न ही इसमें मोतियों की लड़ियां अधिक होती है। अगर आप हैवी गुच्छे वाली मंगलसूत्र नहीं पहनती हैं तो इस तरह कम लड़ी वाली हरी या लाल रंग में मोती के साथ छोटे पेंडेंट वाले पहाड़ी मंगलसूत्र ले सकते हैं।
हैवी पेंडेंट के साथ पहाड़ी मंगलसूत्र की ये डिजाइन आज भी लोग पसंद करते हैं, साथ ही ये काफी वजनदार और लंबी होती है। मोतियों की लंबाई आप अपने हिसाब से छोटी या फिर बड़ी कर सकती हैं।