
Parenting Tips: बच्चों को सही परवरिश देना अपने आप में एक कठिन चुनौती है। सही चीजें सिखाने और अच्छी परवरिश देने के दौरान खुद माता-पिता को भी कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। जब माता-पिता बच्चों को कुछ सिखाते हैं, तो उस दौरान उन्हें कुछ नई चीजें सीखने का मौका भी मिलता है। हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी चीजें सिखाना चाहते हैं, लेकिन फिर भी वे जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जो बच्चों के दिल और दिमाग पर गहरा असर छोड़ती हैं। आज इस लेख में हम आपको माताओं की कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी सजा अक्सर बच्चों को भुगतनी पड़ती है। जब ये गलतियां बार-बार दोहराई जाती हैं, तो ऐसे में बच्चे के दिल और दिमाग पर काफी बुरा असर पड़ता है। तो आइए इन गलतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
एक मां को कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए। माताएं अक्सर यह सोचकर ऐसा करती हैं कि जब वे अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करेंगी तो वह जीवन में बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित होगा, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता। जब आप अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं तो इसका बच्चे के दिल और दिमाग पर बहुत गहरा और बुरा असर पड़ता है। आपकी इस गलती की वजह से बच्चे के दिमाग पर बेहतर करने का दबाव बनता है जिसकी वजह से वह खुद को कमजोर और बेकार समझने लगता है। आपकी इस गलती की वजह से आपके बच्चे का आत्मविश्वास पूरी तरह खत्म हो जाता है।
ये भी पढ़ें- Parenting Advice: एग्जाम के अंतिम समय बच्चे को पढ़ने के लिए नहीं करें फोर्स, पड़ सकता है उल्टा दांव
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे जीवन में खूब तरक्की करें तो आपको बचपन से ही उसके लिए एक आधार तैयार कर देना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे को जीवन में सफल देखना चाहते हैं तो आपको उसे छोटी उम्र से ही अनुशासन का पालन करना सिखाना चाहिए और उसे अनुशासन में भी रखना चाहिए। आप अपने बच्चे से कितना भी प्यार करें, उसे अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश करें। जब आप अनुशासन नहीं रखते तो आपके बच्चे रूखे और जिद्दी हो जाते हैं। बच्चों को सफल बनाने के लिए आपको कुछ नियम बनाने चाहिए और अपने बच्चे को उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित भी करना चाहिए।
अपने बच्चे को लेकर प्रोटेक्टिव होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अगर आप अपने बच्चे को लेकर ओवरप्रोटेक्टिव हो जाते हैं, तो यह एक बड़ी समस्या बन सकती है। जब आप ओवरप्रोटेक्टिव होते हैं, तो ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करने देते हैं। आपकी इस गलती की वजह से आपके बच्चे जीवन को ठीक से समझ नहीं पाते हैं। आपकी इस गलती की वजह से आपके बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है।
ये भी पढ़ें- 20 की बाली उमर में 61 के शख्स से प्यार, मां के रिएक्शन पर उठाया ये कदम
जब भी बच्चे भावुक होते हैं या किसी दुविधा में होते हैं, तो वे सबसे पहले अपनी भावनाओं को अपनी मां से शेयर करते हैं। अगर आप एक मां हैं, तो आपको कभी भी भूलकर भी उनकी भावनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। जब आप उनकी भावनाओं को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो उनका दिल दुखता है और वे भविष्य में आपसे अपने दिल की बात कहने में झिझकते हैं। कई बार आपकी यह गलती उन्हें अकेलापन महसूस करने पर मजबूर कर देती है।