
लाइफस्टाइल डेस्क: देश में रोज़ाना कई सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं। दुर्घटना हमारे हाथ में नहीं होती, लेकिन दुर्घटना से होने वाले नुकसान को कम ज़रूर किया जा सकता है। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करके हम हद तक दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। अगर दुर्घटना हो भी जाए, तो हल्की चोटों से बच निकल सकते हैं। इनमें से सबसे ज़रूरी है हेलमेट पहनना।
दोपहिया वाहनों से होने वाली ज़्यादातर दुर्घटनाओं में सिर में चोट लगने से मौत होती है। इसलिए सरकार और अधिकारी अच्छी क्वालिटी का हेलमेट पहनने की सलाह देते हैं। आईएसआई मार्क वाला हेलमेट जान बचा सकता है। इसलिए अधिकारियों ने हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। सिर्फ़ बाइक चलाने वाले को ही नहीं, पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट पहनना ज़रूरी है। मोटर वाहन कानून में इस नियम का ज़िक्र है।
बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर ट्रैफ़िक पुलिस जुर्माना लगा सकती है। अगर पीछे बैठने वाला भी हेलमेट नहीं पहने तो पुलिस फ़ोटो खींच लेती है। बिना हेलमेट पकड़े जाने पर 5000 रुपये तक का चालान हो सकता है। लेकिन कुछ लोगों को हेलमेट से छूट है। इन्हें बिना हेलमेट के भी जुर्माना नहीं देना पड़ता।
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4 साल से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनने की ज़रूरत नहीं है। 4 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनना ज़रूरी है। बच्चे के पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट पहनना होगा। भारत में सिख समुदाय के लोगों को भी हेलमेट से छूट है। लेकिन ये छूट सिर्फ़ पगड़ी पहनने वाले सिखों के लिए है। सिख समुदाय के लोग पगड़ी पहनते हैं, इसलिए उन्हें हेलमेट से छूट मिली है। ये लोग बिना हेलमेट के भी जुर्माने से बच सकते हैं। लेकिन ये छूट देश के कुछ ही राज्यों में है।
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