
कोल्हापुरी चप्पल भारत की पारंपरिक हस्तशिल्प कलाओं में से एक है, जो अपनी शानदार डिजाइन, टिकाऊपन और देसी अंदाज के लिए मशहूर है। लेकिन कई बार नई कोल्हापुरी चप्पल इतनी सख्त होती है कि पहली बार पहनते ही पैर में छाले या जलन हो जाती है। खासकर अगर आपको इन्हें शादी, त्योहार या डेली वियर में तुरंत पहनना हो, तो उन्हें रातभर में नरम करना जरूरी हो जाता है। तो आइए जानते हैं वो घरेलू और असरदार ट्रिक्स, जिनसे आप अपनी कोल्हापुरी चप्पल को सिर्फ एक रात में ही पहनने लायक सॉफ्ट बना सकते हैं वो भी बिना किसी नुकसान के।
कोल्हापुरी चप्पलों को असली लेदर से हाथ से बनाया जाता है। लेदर एक नैचुरल मैटेरियल है जो शुरू में कड़ा होता है और धीरे-धीरे शरीर की गर्मी और नमी से सॉफ्ट होता है। लेकिन अगर आपको चप्पल को तुरंत पहनना है, तो उसके लिए थोड़ा ‘ब्रेक-इन’ करना जरूरी होता है।
चप्पल के अंदर (जहां पैर पड़ता है) और स्ट्रैप्स पर सरसों या नारियल तेल हल्के हाथों से मलें। पूरी चप्पल पर तेल का एक हल्का कोटिंग करें, ताकि लेदर में नमी आ जाए। इसे रातभर ऐसे ही खुला छोड़ दें। सुबह चप्पल थोड़ी सॉफ्ट हो जाएगी और चलने में कम सख्ती लगेगी। बहुत ज्यादा तेल नहीं लगाएं, वरना चप्पल स्लिपरी हो सकती है।
अच्छी क्वालिटी की वैसलीन या बॉडी लोशन लेकर चप्पल के सख्त हिस्सों (जैसे पट्टी, तलवे) पर लगाएं। इसे भी रातभर छोड़ दें, ताकि लेदर की रूखापन खत्म हो।इससे चप्पल लचीलापन पकड़ती है और स्ट्रैप्स पैर को काटते नहीं हैं।
एक साफ गीला कपड़ा लें और उसे चप्पल के ऊपर लपेट दें। फिर चप्पल को प्लास्टिक बैग में डालें और रातभर ऐसे ही रखें। यह तरीका लेदर को हल्का नम कर देता है, जिससे वो सॉफ्ट हो जाता है। चप्पल को पानी में ना डुबोएं, वरना चमड़ा खराब हो सकता है।
चप्पल के अंदर (जहां पैर आता है) अखबार को अच्छी तरह भर दें। ऊपर से कोई भारी किताब या बॉक्स रखें ताकि चप्पल का शेप थोड़ा लूज हो। सुबह तक यह स्ट्रेच होकर नरम हो जाती है। यह ट्रिक खास तौर पर तंग चप्पलों के लिए बेस्ट है।
तेल या वैसलीन लगाने के बाद 10-15 मिनट चप्पल पहनकर घर में चलें। इससे लेदर आपकी पैर की शेप पकड़ता है और जल्दी ब्रेक-इन हो जाता है।