मुर्गे के बांग देने के ऊपर बताए गए कारणों के बावजूद, इनकी पुष्टि करने वाले कोई ठोस सबूत नहीं हैं। मुर्गा सिर्फ़ सुबह ही बांग नहीं देता, बल्कि दोपहर और शाम को भी बांग देता है। सुबह के समय चारों ओर सन्नाटा होता है, इसलिए उसकी बांग साफ़ सुनाई देती है, बस इतना ही है। जापान में किए गए एक अध्ययन में, एक मुर्गे को 14 दिनों तक दिन-रात, 24 घंटे रोशनी में रखा गया। तब भी उसने सुबह के समय बांग दी। इसी तरह, 14 दिनों तक उसे मंद रोशनी (रात जैसा माहौल) में रखा गया, तब भी उसने सुबह के समय बांग दी। इससे यह साबित होता है कि उसके बांग देने का कारण सिर्फ़ उसकी जैविक घड़ी है।