क्या ईश्वर होते हैं...अगर वो हैं तो कैसे दिखते हैं जैसे तमाम बातें हमारे जहन में घूमते रहते हैं। लेकिन एक नर्स ने दावा किया है कि वो जब कोमा में थी तब उसने भगवान को देखा और उनसे बात भी की।
लाइफस्टाइल डेस्क. मौत के बाद क्या होता है..क्या ईश्वर से मुलाकात होती है। क्या वहीं तय करते हैं कि हमें कहां रहना है। क्या पूर्वजों से हम मिलते हैं जैसी कई बातें होती है जिनका जवाब आज तक नहीं मिला है। हालांकि भगवान को लेकर वक्त-वक्त पर अलग-अलग तरह के दावे किए जाते रहे हैं। कई लोग जो मौत का सामना करके लौटे हैं उन्होंने दावा किया कि वो भगवान को देखकर आए हैं। हालांकि विज्ञान ने इस काल्पनिक और मन का भ्रम बताया है। हाल ही में अमेरिका में रहने वाली महिला ने दावा किया है कि वो साक्षात ईश्वर से मिलकर लौटी है।
अमेरिका की एक नर्स ने दावा किया कि जब वो कोमा में थी तब वो भगवान को देखी और उनसे बातचीत की। उसने बताया कि कोमा के दौरान उसकी आत्मा ने उसका शरीर छोड़ दिया था। दरअसल, 52 साल की पेनी विटब्रोड्ट को उस वक्त अस्पताल लाया गया जब उन्हें खाने और सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। वो कोमा में चली गई । उन्हें कुछ दिनों के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। इस दौरान उन्होंने क्या कुछ देखा और कैसा महसूस की उसका जिक्र वो एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में करती हैं।
दादी की आत्मा से हुई मुलाकात
विटब्रोड्स बताती हैं कि उनकी आत्मा ने खुद को प्रकट करने से पहले उनके शरीर को छोड़ दिया। उसने कहा कि पृथ्वी पर लोग समय में बंधे हैं। लेकिन उस दुनिया में भगवान समय से दूर होते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले एक तेज रोशनी दिखाई दी। फिर दादी की आत्मा अचानक सामने आ गई और मुझे शांत रहने के लिए बोलीं।
भगवान से मिलकर की बातचीत
इसके बाद अचानक मेरे सामने भगवान आ गए। उन्होंने मेरे से बातचीत की। भगवान से उन्होंने गुस्से में उन कठिनाइयों और दुखों के बारे में बात की , जिनका सामना उसने खुद और उनके परिवार वालों ने किया था। जिसे सुनकर भगवान ने कहा कि इस दुनिया में दुखों को परलोक में पुरस्कृत किया जाता है। उन्हें शांति महसूस होता है। उन्होंने आगे बताया कि भगवान से उसे जीवन में वापस लाने से पहले असली अनुभव को याद करने की अनुमति देने के लिए कहा।
असली जीवन का हुआ अनुभव
इसके बाद उन्होंने कहा कि जैसे ही वो कोमा से निकली उन्हें ठीक होने में जरा सा भी वक्त नहीं लगा। कोमा में ईश्वर से मिलने के बाद उन्होंने सबसे बड़ा सबक सीखा कि सांसारिक सुख-सुविधाओं का जीवनकाल में समान मूल्य नहीं होता है।यह कठिनाइयां और संघर्ष हैं जो फल देते हैं। उन्होंने कहा कि वो आध्यात्मिक यात्रा पर गई थी और भगवान से अपने रिश्ते को और मजबूत किया।
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