
Exam Stress Management for Kids: फाइनल एग्जाम आते ही बच्चों पर प्रेशर बढ़ जाता है। माता-पिता ऊपर से उन्हें और भी पढ़ाई करने के लिए बोलते हैं। कई बार उन्हें डांटते-फटकारते भी हैं।पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा सबसे अच्छा नंबर लाएं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लगातार पढ़ाई का दबाव बच्चों के दिमाग पर क्या असर डाल सकता है? अधिक पढ़ाई करने से कई बार उल्टा नुकसान हो सकता है, जिससे परीक्षा के दौरान उनका परफॉर्मेंस बिगड़ सकता है।
अगर बच्चे परीक्षा के आखिरी समय तक पढ़ाई में लगे रहते हैं, तो उनकी याद रखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। कई बार अच्छी तरह पढ़ी हुई बातें भी दिमाग से निकल जाती है। पैरेंट्स बच्चे को गाइड करते हुए पहले से पढ़ी हुई चीजों को दोहराने के लिए कहें। बच्चे को नया कुछ पढ़ने से बचना चाहिए।
अगर माता-पिता परीक्षा के समय बच्चों को ज्यादा पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, तो इससे वे मानसिक रूप से दबाव में आ सकते हैं। जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस के कारण उनकी एकाग्रता कम हो सकती है, जिससे उनके परफॉर्मेंस खराब हो सकता है।
परीक्षा के समय देर रात तक पढ़ाई करने से बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पाती। नींद की कमी के कारण उनकी याददाश्त और फोकस करने की क्षमता कमजोर हो सकती है। एक अच्छी नींद बच्चों के दिमाग को तरोताजा रखती है और उन्हें परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है। पैरेंट्स को ये गलती नहीं करनी चाहिए।
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अगर बच्चा आखिरी समय तक पढ़ता रहता है, तो उसे हर बार कुछ न कुछ ऐसा नया मिल जाता है, जिसे वह पहले से नहीं जानता। इससे उसके मन में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है और उसका आत्मविश्वास कम हो सकता है। उसे लगेगा कि पूरे साल इसे क्यों नहीं देखा।
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