
Reddit Love Story: किसी भी रिश्ते की शुरुआत मीठी होती है, लेकिन कभी-कभी पार्टनर का प्यार धीरे-धीरे ओवर-अटैचमेंट या ऑब्सेसिव बिहेवियर जैसा दिखने लगता है। ऐसे में कन्फ्यूज़न होना बिल्कुल नॉर्मल है। क्या ये प्यार है? इमोशनल इश्यू है या एक रेड फ्लैग है? इस कहानी में एक लड़का (19F) बताता है कि उसकी गर्लफ्रेंड (21F) एक महीने से भी कम समय में ही बहुत ज्यादा चिपकू और इमैच्योर हो गई। वह छोटी-छोटी बातों पर रोने वाले इमोजी पोस्ट करती है, उसकी लोकेशन बार-बार चेक करती है, हाथ पर उसका नाम लिखती है और हर दोस्त या लड़के के बारे में डिटेल पूछती है।
लॉन्ग-डिस्टेंस में रहने के बावजूद उसकी गर्लफ्रेंड हर रात उसकी फोटो को किस करती है, उसे लॉक-स्क्रीन पर रखती है और पूरी रात फोन ऑन करके उसी से लिपटकर सोती है। यह बात उसे अजीब लगी और सही भी है, क्योंकि इतने कम समय में इतना ज्यादा अटैचमेंट हेल्दी नहीं माना जाता।
रिश्ते में दो चीजें जरूरी होती हैं स्पेस और कम्युनिकेशन। अगर कोई पार्टनर आपकी आजादी में दखल देने लगे, आपकी हर मूवमेंट जानना चाहे या आपकी इमोशनल जिम्मेदारी आपको ही थमा दे, तो ये प्यार नहीं, बल्कि कंट्रोल या असुरक्षा की निशानी हो सकती है।
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रेडिट पर लड़के की कहानी सुनने के बाद लोगों ने अपनी राय देते हुए कहा कि नहीं, तुम उससे बहुत ज़्यादा प्यार नहीं करते। तुम एक महीने से साथ हो और उसे सिर्फ़ 3 महीने से जानते हो। प्यार ऐसे नहीं होता। जबकी दूसरे यूजर ने कहा जब कोई शुरू में ही ज़्यादा दिलचस्पी दिखाता है तो डर लगना नॉर्मल है। एक अन्य यूजर ने कहा कि तुम एक महीने से रिलेशनशिप में हो और लॉन्ग डिस्टेंस में हो। तुम्हें किसी ऐसे इंसान को डेट करने की ज़रूरत नहीं है जिसे तुम डेट नहीं करना चाहते, और सच कहूं तो तुम्हें उसमें कोई दिलचस्पी भी नहीं लगती। ऐसा रिश्ता खत्म करना ठीक है जो तुम्हारी उम्मीद के मुताबिक न हो।
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