
Parenting Mistakes: कहा जाता है कि बच्चे की पहली पाठशाल घर होता है। यहां पर वो संस्कार सीखता है। उसके अंदर सफल, संवेदनशील और बैलेंस व्यक्तित्व का विकास हात है। शोध बताते हैं कि बच्चे 3 साल की उम्र तक यह समझने लगते हैं कि उनकी भावनाएं और अनुभव दूसरों से अलग हो सकते हैं। वे सच्ची सहानुभूति और करुणा दिखाने लगते हैं। लेकिन कुछ पैरेंटिंग गलतियां बच्चों को अधिक जिद्दी और आत्मकेंद्रित बना सकती है। आइए जानते हैं ऐसी 5 बड़ी गलतियां-
अगर बच्चे की हर मांग को 'हां' कहकर पूरा कर दिया जाए, तो वे धीरे-धीरे खुद को खास समझने लगते हैं। साइंस डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिक लाड़-प्यार और जरूरत से ज्यादा सहूलियत देने से बच्चे सेल्फ सेंटर्ड, अनुशासनहीन हो सकते हैं। जब उन्हें किसी चीज से मना किया जाता है , तो वे जिद्दी रवैया अपना सकते हैं।
अक्सर माता-पिता अपने बच्चों की बातें अनसुना कर देते हैं। बिजी डेली रूटीन और कई उलझनों के कारण वो उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। जब बच्चे अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं और उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। वे ध्यान आकर्षित करने के लिए जिद करने लगते हैं। यह उनकी जिद्दी प्रवृत्ति को बढ़ावा दे सकता है।
कई माता-पिता गुस्से में बच्चों को मारने या शारीरिक दंड देने का सहारा लेते हैं। हालांकि, बाल मनोविज्ञान पर किए गए शोध बताते हैं कि यह तरीका कारगर नहीं होता। यह बच्चों को अनुशासित करने की बजाय उनके व्यवहार को और अधिक निगेटिव बना सकता है। जब बच्चों को बार-बार मारा जाता है, तो उनके अंदर विद्रोही प्रवृत्ति विकसित होने लगती है, जिससे वे और अधिक जिद्दी बन सकते हैं।
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अगर माता-पिता डिसिप्लिन को बनाकर नहीं रहते हैं, यानी कभी बहुत सख्त हो जाते हैं और कभी बहुत नरम, तो इससे बच्चों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। जब तक नियमों को साफ नहीं किया जाता या सजा कोई ठोस आधार नहीं होता, तो बच्चे विद्रोही बन सकते हैं। यदि माता-पिता गुस्से या कठोर दंड के साथ जिद्दी व्यवहार का जवाब देते हैं, तो इससे बच्चों की जिद और अधिक बढ़ सकती है।
आजकल माता-पिता यह मानते हैं कि बच्चों का मनोरंजन हर समय होना चाहिए। टीवी, वीडियो गेम्स या लगातार एक्टिविटीज़ में लगे रहने से बच्चों के अंदर स्वनिर्भरता और समस्या समाधान (Problem-solving) की क्षमता विकसित नहीं हो पाती। जब बच्चों को अकेले समय बिताने का मौका नहीं मिलता, तो वे ऊबने पर चिड़चिड़े और जिद्दी हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें खुद को व्यस्त रखने और नए तरीकों से सोचने की स्वतंत्रता देना जरूरी है।
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