बढ़ रही किराए पर लड़कों की डिमांड ! इस देश की महिलाओं ने तोड़े रिकॉर्ड

Published : Feb 20, 2025, 02:11 PM IST
woman with a phone

सार

मन दुखी होने पर आंसू पोंछने और लोगों को सांत्वना देने के लिए सुंदर युवकों की आवश्यकता है! यह कैसा रोजगार है, पूरी जानकारी यहाँ है  

Relationship Tips: जब आपको बहुत काम का तनाव होता है, टेंशन, डिप्रेशन सब घेर लेता है, तब कोई सांत्वना देने वाला हो तो मन को एक तरह का सुकून मिलता है। किसी भी दुखद परिस्थिति में आंसू आने पर, कोई आंसू पोंछकर सांत्वना दे तो अच्छा लगता है। मन को हल्का करने के लिए यह सांत्वना अलग-अलग रूपों में सभी के लिए जरूरी होती है। सांत्वना देने का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन मन की चिंता, दुख कम करने के लिए कोई हो तो अच्छा लगता है, खासकर युवा, और लड़कियों को यह ज्यादा महसूस होता है। इसीलिए आंसू पोंछने वाले लड़कों की डिमांड बढ़ गई है!

जापान में रिलेशनशिप का नया ट्रेंड 

एक बार लड़कियों के आंसू पोंछने पर साढ़े चार हजार रुपये मिलते हैं! अगर लड़के दिखने में आकर्षक हैं तो और भी डिमांड है। अब यह एक पेशा बन गया है। युवकों का काम लड़कियों के पास जाकर आंसू पोंछना और सांत्वना देना है। बहुत आसान काम है ना? लेकिन यह अभी भारत में नहीं आया है। यह जापान में है, काम के तनाव को कम करने के लिए टोक्यो के ऑफिस एक अलग तरीका अपना रहे हैं। 7,900 येन, लगभग 4,400 रुपये में जापान के लोग यह सेवा ले सकते हैं।

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पार्टनर किराए पर ले रहे लोग 

हैंडसम वीपिंग बॉयज (इकेमेसो डंशी- आकर्षक आंसू पोंछने वाले युवक) इस योजना का नाम है। दिखने में आकर्षक होने के अलावा, इन्हें आंसू पोंछने में भी कुशल होना चाहिए। आंसुओं के जरिए सांत्वना देनी होगी, कार्यस्थल पर भावनात्मक संबंध बनाना होगा। ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाती है। युवाओं में बढ़ते डिप्रेशन, काम के तनाव को देखते हुए, हिरोकी तेरई ने यह आइडिया दिया था। अब यह सफल हो गया है। जापान में ज्यादातर कंपनियों में युवतियाँ ही काम करती हैं। कम वेतन में कड़ी मेहनत करने में ये माहिर हैं। इसलिए सुंदर युवकों का आइडिया आया होगा, पता नहीं!

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ऑनलाइन दी जा रही सेवा 

युवकों को ढूंढने के लिए ऑनलाइन सेवा है। कर्मचारियों के आंसू पोंछकर उन्हें सांत्वना देने में निपुण लोग यहाँ रजिस्टर कर सकते हैं। किसी भी तरह की अप्रिय घटना की यहाँ कोई गुंजाइश नहीं है। मन के दुख को आंसुओं के जरिए बाहर निकालने से कई खतरों से बचा जा सकता है, आंसू रोकने से जान को खतरा होता है, यह पहले ही साबित हो चुका है। इसलिए जापान के लोग घर ही नहीं, कार्यस्थल पर भी आंसू बहाएँ, यही मेरी इच्छा है। ऐसे में कोई न हो तो ये सुंदर युवक आंसू पोंछने आएँगे, यही इसका उद्देश्य है, ऐसा इस योजना के रचयिता हिरोकी तेरई ने कहा है। युवकों के चयन की प्रक्रिया भी होती है। इसके लिए इंटरव्यू वगैरह भी होते हैं।

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