
Jagadguru Ramabhadrachary On Love: सच्चा प्यार यानी लव क्या है? ये सवाल हर किसी के जहन में अक्सर आता है। जो प्यार करता है, उसे भी इसका सही अर्थ पता नहीं होता है। कुछ लोग प्यार को समर्पण बताते हैं, तो कोई आंसुओं का सागर कहता है। लेकिन जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने प्यार का जो मतलब समझाया है, वो वाकई दिव्य है। उन्होंने कहा कि प्यार सिर्फ भावनाओं का लेन-देन नहीं, बल्कि समर्पण, समझदारी और साझा जीवन की एक गहरी यात्रा है।
परम पूज्य जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के मुताबिक, Love का अर्थ केवल प्रेम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह परम प्रेम ईश्वर से जुड़ाव और सेवा को भी दिखाता है। सच्चा प्रेम निस्वार्थ सेवा और भक्ति से उत्पन्न होता है, जो दूसरों के प्रति करुणा और दया का भाव जगाता है।
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी प्रवचन के दौरान कहते हैं कि अंग्रेजी के LOVE के मायने अलग हैं। इस दौरान उन्होंने LOVE के चारों अक्षर L,O,V और E का अलग-अलग अर्थ बताया। जो कुछ इस तरह है-
मतलब Love के चार अक्षर का मतलब आंसुओं की झील, दुखों का सागर, मृत्यु की घाटी और जीवन का अंत है। वाकई इन चार अक्षर में पूरे जीवन का सार छुपा है।
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जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज भारत के प्रसिद्ध हिंदू संत, धर्मगुरु, शिक्षाविद्, कवि और लेखक हैं। वे तुलसी पीठाधीश्वर (चित्रकूट, उत्तर प्रदेश) हैं और जगद्गुरु रामानंदाचार्य संप्रदाय के वर्तमान आचार्य हैं। वो 22 भाषाओं में परंगात हैं। जब वो 2 महीने के थे तभी उनके आंखों की रोशनी चली गई थी। बावजूद उन्होंने ये सब हासिल किया। वो रामकथाओं और प्रवचनों के जरिए लोगों को भक्ति और ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया है। रामचरितमानस, वेद, पुराण, गीता सहित अनेक धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या की है।
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