
Toxic Relationship: क्या कभी आपको ऐसा लगता है कि आप बार-बार वही डेटिंग मिस्टेक कर रहे हैं। हर बार आप खुद से वादा करते हैं कि इस बार रेड फ्लैग्स को इग्नोर नहीं करेंगे, उस रिश्ते में नहीं रहेंगे जो आपको नुकसान पहुंचा रहा हो, लेकिन फिर भी आप खुद को उसी चक्र में फंसा पाते हैं। क्या आप हमेशा टॉक्सिक रिलेशनशिप में ही फंसने के लिए बने हैं? इस आर्टिकल में हम बात करेंगे जहरीले रिश्ते के बारे में और कैसे इससे निकल सकते हैं।
हर रिश्ता मुश्किलों से भरा होता है, लेकिन टॉक्सिसिटी तब होती है जब ये मुश्किलें आपके सेल्फ रिसपेक्ट और मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने लगती है।
कई बार हम बचपन की अधूरी कहानियों को वयस्क रिश्तों में पूरा करना चाहते हैं। साइकोलॉजी में इसे दोहराव की बाध्यता (Repetition Compulsion) कहते हैं, एक अनजाना अट्रैक्शन उन्हीं सिचुएशन की ओर जो कभी दर्द दे चुकी हैं, सिर्फ इसलिए कि इस बार शायद ठीक कर पाएं। एग्जापल, 'मैं हमेशा ऐसे लोगों की ओर आकर्षित हुई जो इमोशनली अनअवेलेबल थे ,ठीक वैसे ही जैसे मेरे पापा मेरी मां के लिए कभी नहीं थे।' मतलब हम ऐसे सिचुएशन में खुद ये सोचकर जाते हैं कि शायद वहां जाकर वो चीजों को ठीक कर सकते हैं।
अगर आपका चिंताग्रस्त लगाव शैली (Anxious Attachment Style)है, तो आप अक्सर उन लोगों की तरफ खिंचते हैं जो दूर-दूर रहते हैं। यह एक अस्थिर रिश्ता बनाता है जो दर्द देता है लेकिन परिचित लगता है।