
अक्सर माता-पिता शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी बात नहीं मानते, उल्टा जवाब देते हैं या उनका सम्मान नहीं करते। कई बार हम इसे असभ्यता, जिद या चालाकी मान लेते हैं, लेकिन असल में इसकी वजह कुछ और ही होती है।
क्या बच्चे इसलिए रिस्पेक्ट नहीं करते क्योंकि वे ज़िद्दी होते हैं? नहीं!
क्या वे जानबूझकर आपको परेशान करने के लिए ऐसा करते हैं? बिल्कुल नहीं!
असल वजह यह है कि बच्चे खुद को असमझा हुआ (misunderstood) महसूस करते हैं। वे भी भावनाओं से जूझते हैं, लेकिन उन्हें ठीक से व्यक्त नहीं कर पाते। जब बच्चे खुद को सुना हुआ और समझा हुआ महसूस नहीं करते, तो वे चिढ़ने लगते हैं, प्रतिक्रिया देने लगते हैं और कई बार अवज्ञा (disobedience) करने लगते हैं।
जब हम बच्चों की भावनाओं को गंभीरता से नहीं लेते या उन्हें बार-बार टोकते हैं, तो वे महसूस करने लगते हैं कि उनकी बातें मायने नहीं रखतीं। इससे वे चिढ़ने लगते हैं और विद्रोही (rebellious) व्यवहार अपनाने लगते हैं।
क्या करें:
बच्चों के Hard Work की तारीफ करें या उनके कामयाबी की?
बच्चे अकसर बड़ों की तरह प्रतिक्रिया नहीं दे पाते, लेकिन उन्हें भी सम्मान की जरूरत होती है। जब हम उन्हें डांटते हैं, उन पर चिल्लाते हैं, या उनकी इच्छाओं को बार-बार अनदेखा करते हैं, तो वे भी वैसा ही व्यवहार हमसे सीखते हैं।
क्या करें:
बच्चों के पास हमेशा सही शब्द नहीं होते कि वे अपनी भावनाओं को खुलकर बता सकें। जब वे गुस्से में होते हैं या दुखी होते हैं, तो वे ज़िद्दी या असभ्य लग सकते हैं।
क्या करें:
बच्चे हमेशा चाहते हैं कि उनके माता-पिता उन पर भरोसा करें और उन्हें मार्गदर्शन दें, न कि सिर्फ आदेश दें। जब वे खुद को अनसुना या अविश्वसनीय महसूस करते हैं, तो वे विरोधी स्वभाव दिखा सकते हैं।
क्या करें:
पैरेंट्स जब बच्चे को धमकी देते हैं या डराते हैं तो क्या होता है?