यहां नवरात्रि के दौरान चनिया चोली और साड़ी पहनकर गरबा करते हैं मर्द, अनोखी है सदियों साल पुरानी परंपरा

शारदीय नवरात्रि के दौरान आपको जगह-जगह गरबे का आयोजन होता नजर आता होगा। लेकिन आज हम आपको बताते हैं ऐसे गरबे के बारे में जहां पर पुरुष चनिया चोली और साड़ी पहनकर गरबा करते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 30, 2022 2:36 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क : नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022) का त्योहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। जगह-जगह इसे मनाने के अलग तरीके हैं। जैसे कि कोलकाता में दुर्गा पूजा और गुजरात में नवरात्रि के विशेष मौके पर गरबे का आयोजन किया जाता है। गरबे के दौरान आपने महिलाओं को रंग-बिरंगे और सुंदर चनिया चोली और साड़ी पहने तो खूब देखा होगा, लेकिन आज हम आपको बताते हैं गुजरात की एक ऐसी जगह के बारे में जहां पर डांडिया और गरबा खेलने के लिए सिर्फ पुरुष आते हैं वह भी दुपट्टा, चनिया चोली और साड़ी पहन कर। हैरान मत होइए यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। आइए आपको बताते हैं इस अनोखी परंपरा के बारे में...

गुजरात में निभाई जाती है अनोखी परंपरा
गुजरात में नवरात्रि के दौरान खूब रौनक देखने को मिलती है। यहां जगह-जगह गरबे का आयोजन किया जाता है। लेकिन वडोदरा में स्थित अंबा माता मंदिर में नवरात्रि की अलग ही रौनक आपको देखने को मिलेगी। दरअसल यहां पर महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष साड़ी, दुपट्टा, लहंगा चोली पहनकर गरबा खेलते नजर आते हैं। वहीं महिलाएं साइड में बैठकर उनके लिए गाना गाती हैं। पुरुषों का गरबा देखने के लिए यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं और खुद मर्द भी खूब इंजॉय कर के यहां पर गरबा करते हैं।

400 साल पुरानी है यह परंपरा 
बता दें कि पुरुषों का गरबा करने की यह परंपरा आजकल की नहीं बल्कि 400 साल पुरानी है। कहा जाता है कि जब वडोदरा में गायकवाड से पहले इस्लामी शासक थे, तब यहां की महिलाओं को परदे में रहना पड़ता था। ऐसे में देवी मां की पूजा अर्चना करने के लिए पुरुष ही महिलाओं का वेश धारण करके आते थे और गरबा खेलते थे। तब से आज तक यह परंपरा निभाई जाती है। आज भी यहां पर पुरुष महिलाओं के वस्त्र धारण करके गरबा करते नजर आते हैं। हालांकि, अब यहां पर महिलाओं के गरबा खेलने में अब कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन सदियों पुरानी परंपरा को निभाने के लिए आज भी महिलाएं यहां पर आती है और पुरुषों का गरबा देखती है। बता दें कि अंबा मां का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।

ये भी पढ़ें- Navratri 2022: इस मुस्लिम देश में है देवी का ऐतिहासिक मंदिर, यहां रामायण को कहते हैं ‘काकविन’

Navratri Rashi Anusar Upay: देवी को राशि अनुसार चढ़ाएं फूल, मिलेंगे शुभ फल और दूर होंगे ग्रहों के दोष
 

Share this article
click me!