
Netarhat travel guide: झारखंड का नैतरहाट इसे क्वीन ऑफ छोटानागपुर भी कहा जाता है, एक ऐसा हिल स्टेशन, जहां नेचर हर मोड़ पर अपना नया रंग दिखाती है। घने साल व पीर जंगलों के बीच बसा यह छोटा-सा पहाड़ी शहर अपनी शांत व मनमोहक वादियों के लिए जाना जाता है। लेकिन इसकी असली पहचान यहां की शानदार सूर्योदय है, जिसे देखने के लिए हर सुबह सैकड़ों लोग पहाड़ी किनारे इकट्ठा होते हैं। नैतरहाट की खासियत है कि यहां सूरज की पहली किरण बादलों के ऊपर से उतरते हुए बिल्कुल किसी पेंटिंग की तरह दिखाई देती है।
नैतरहाट का सूर्योदय पूरे झारखंड और आसपास के राज्यों में प्रसिद्ध है। ऊंचाई पर होने के कारण यहां सूरज धीरे-धीरे लाल और सुनहरी परतों के बीच उभरता है, और कुछ ही सेकंड में पूरा आसमान केसरिया हो जाता है। मानसून और सर्दियों में सूरज के साथ बादलों की खूबसूरती इसे देखने लायक सुंदर बनाती है। यही वजह है कि लोग सुबह 4 बजे से ही व्यू पॉइंट पर पहुंचकर जगह घेर लेते हैं, ताकि वे इस नजारे को सबसे करीब से देख सकें।
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सिर्फ सूर्योदय ही नहीं, नैतरहाट की हवाओं में भी एक अलग तरह की ताजगी है। रास्ते में ऊंचे साल के पेड़ों के बीच से गुजरते हुए ऐसा लगता है जैसे किसी हरे सुरंग में चल रहे हों। यहां की वादियां शांत, साफ और भीड़ से दूर हैं, जो इसे एक परफेक्ट रिलैक्सिंग ट्रिप बनाती हैं। आसपास स्थित अपर घाघरी और लोअर घाघरी वाटरफाल भी है, जहां आप घूमने जा सकते हैं। शाम को सूर्यास्त का व्यू भी उतना ही खूबसूरत होता है, जहां सूरज धीरे-धीरे घने जंगलों के पीछे छिपता है और आसमान पर गुलाबी और बैंगनी रंग बिखेर देता है।
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नैतरहाट रांची से करीब 150 किलोमीटर दूर है और बाय रोड जाने पर यहां की असली खूबसूरती दिखती है। अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा है, जब मौसम ठंडा और आसमान बिल्कुल साफ होता है। यह हिल स्टेशन उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो भीड़ से दूर, शांति और नेचर के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं।