
Sheesh Mahal Tourist Visiting Details: मुगल शासन की कई पीढ़ियों ने पूरे भारत पर राज किया। दिल्ली में लंबे समय तक रहने के कारण मुगल कला और उनके द्वारा बनाई गई कई एतिहासिक धरोहर दिल्ली में मौजूद हैं। इन्ही में से एक दिल्ली के शालीमार बाग में स्थित ऐतिहासिक शीश महल (Sheesh Mahal) है। शीशमहल आखिरकार 370 साल बाद आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यह महल मुगल काल की वास्तुकला का ऐसा चमत्कार है, जिसकी दीवारों पर लगे शीशों में इतिहास खुद को देखता है। कभी मुगल बादशाहों की खास महफिलों का गवाह रहा ये शीश महल, एक बार फिर पर्यटकों के स्वागत को तैयार है।
करीब 370 साल पहले बना यह महल लंबे समय तक सरकारी उपेक्षा, रख-रखाव की कमी और क्षति की वजह से आम जनता के लिए बंद था। समय के साथ दीवारों की सजावट ढहने लगी और आंतरिक संरचना कमजोर होती गई। संरक्षण कार्यों के अभाव में यह ऐतिहासिक स्थल गुमनामी में चला गया। लेकिन अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की देखरेख में इसे दोबारा संवारकर जनता के लिए खोल दिया गया है।
1650 ईस्वी के आसपास मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में इसकी नींव रखी गई थी।
महल की दीवारें और छत बारीक शीशों और फूलों की नक्काशी से बनी हुई हैं। इसमें ईरानी और मुगल कला का मेल देखने को मिलता है।
कहा जाता है कि इसमें एक ऐसा कमरा था जहां दीये या मोमबत्ती जलाने पर रोशनी सैकड़ों शीशों में बिखरकर पूरे कमरे में उजाला कर दिती थी, जो देखने में अद्भुत लगता था।
औरंगजेब की ताजपोशी की एक रस्मी प्रक्रिया भी यहीं शीश महल में संपन्न हुई थी।
शालीमार बाग, उत्तर-पश्चिम दिल्ली।
शालीमार बाग (Pink Line) या आजादपुर (Yellow Line)
सुबह 11:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
फिलहाल फ्री एंट्री, लेकिन भविष्य में टिकट सिस्टम लागू हो सकता है।