बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 रोचक तथ्य

Published : Jan 22, 2025, 12:31 PM IST
beti bachao beti padhao

सार

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 साल पूरे हो गए हैं। आपको बताते हैं कि ये योजना वाकई में कितनी कामयाब रही?

भारत में बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के उद्देश्यसे शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के दस साल पूरे हो गए हैं. इस योजना का मुख्य मकसद समाज में लड़कियों के प्रति जागरुकता पैदा करना और उन्हें आगे बढ़ने के मौके उपलब्ध करवाना है.

कब हुई थी लांच? 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत से की थी। अब इस योजना को पूरा हुए दस साल हो गए हैं। 

क्या है उद्देश्य? 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग भेदभाव को खत्म करना और भारत में बाल लिंग अनुपात (Child Sex Ratio - CSR) में सुधार करना है। भारतीय समाज में लड़कियों के प्रति रहे भेदभावपूर्ण नजरिए को समाप्त करना भी इस योजना का मकसद है। मल्टी-मिनिस्ट्रीयल पहल

यह एक समन्वित प्रयास है, जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय शामिल हैं। ये सभी मंत्रालय मिलकर इस योजना पर काम करते हैं।

 प्रारंभिक बजट

 सरकार के इस कार्यक्रम को ₹100 करोड़ (लगभग $14 मिलियन) के प्रारंभिक बजट के साथ शुरू किया गया था। 

लक्ष्य क्षेत्र

 शुरुआत में यह योजना उन 100 जिलों पर केंद्रित थी, जहां बाल लिंग अनुपात सबसे कम था। बाद में इसे अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया गया। अब यह पूरे देश में लागू है। 

सामाजिक अभियान

 इस योजना के तहत #SelfieWithDaughter हैशटैग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया, जिससे बेटियों पर गर्व करने का संदेश प्रचारित हुआ। लोगों ने अपनी बेटियों के साथ तस्वीर शेयर की। 

लिंग अनुपात में सुधार

 इस योजना के बाद से भारत में लिंग अनुपात में सुधार देखा गया है। 2014-15 में एक हजार लड़कों पर 918 लड़कियों का बाल लिंग अनुपात था जो 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया है। हालांकि इस दिशा में और भी प्रयास किए जाने की जरूरत है। 

सामुदायिक भागीदारी

योजना के तहत जागरूकता अभियान, सामुदायिक सशक्तिकरण और समाज में सोच बदलने के प्रयास किए गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुए इस कार्यक्रम के तहत लोगों को सामाजिक रूप से इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

शैक्षिक फोकस

BBBP योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया। यह योजना समाज में बेटियों को समान महत्व देने और उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में सांस्कृतिक बदलाव लाने का प्रयास करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने भारत में बेटियों की स्थिति सुधारने और उन्हें समान अधिकार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि आलोचक तर्क देते हैं कि इस योजना का अधिकतर बजट प्रचार प्रसार पर खर्च किया गया। वहीं, एक तथ्य यह भी है कि इस योजना का मकसद ही समाज में बेटियों के प्रति जागरुकता लाना है जिसके लिए प्रचार-प्रसार जरूरी है।

PREV

Recommended Stories

तिरुपति TTD सिल्क दुपट्टा विवाद: क्या सच में नकली सिल्क दिया गया भक्तों को?
गोवा नाइटक्लब के मालिक लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड में गिरफ्तार-क्या डिपोर्टेशन होगा?