
नई दिल्ली. यह भारत के एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत में 100वां यूनिकॉर्न तैयार हुआ है। भारत के 100 यूनिकॉर्न का कुल मूल्यांकन 332.7 अरब डॉलर है। वर्ष 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत में 14 यूनिकॉर्न तैयार हुए। आज वैश्विक स्तर पर हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न का उदय भारत में हो रहा है। भारत में यूनिकॉर्न की लहर लगातार नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। देश ने 2 मई 2022 को अपने 100वें यूनिकॉर्न का जन्म देखा है। अगर वैश्विक स्तर की बात करे, तो हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न का उदय भारत में हो रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने एक ट्वीट के जरिये इस उपलब्धि के बारे में बताया।
यूनिकॉर्न मतलब दुर्लभ स्टार्टअप
'यूनिकॉर्न' उन दुर्लभ स्टार्टअप को कहते हैं, जो 1 बिलियन डॉलर से अधिक का मूल्यांकन हासिल कर लेते हैं। भारतीय स्टार्टअप परिवेश यूनिकॉर्न की संख्या के लिहाज से दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। यहां 5 मई 2022 तक 100 से अधिक यूनिकॉर्न हो चुक हैं, जिनका कुल मूल्यांकन 332.7 अरब डॉलर से है।
लगातार आ रहा उछाल
वर्ष 2021 के दौरान यूनिकॉर्न की संख्या में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न 93 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए। वर्ष 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत में 18.9 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 14 यूनिकॉर्न तैयार हुए हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने सभी 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 647 जिलों में स्टार्टअप के प्रसार को एक बड़ उपलब्धि माना।
2016 में हुआ था स्टॉर्टअप इंडिया का आगाज
स्टार्टअप इंडिया अभियान का शुभारंभ 16 जनवरी 2016 को हुआ था। उसके बाद 2 मई 2022 तक देश में 69,000 से अधिक स्टार्टअप को परमिशन मिली है। भारत में नवाचार केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हमने आईटी सेवाओं से 13 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा एवं जीवन विज्ञान से 9 प्रतिशत, शिक्षा 7 प्रतिशत, पेशेवर एवं वाणिज्यिक सेवाओं से 5 प्रतिशत, कृषि 5 प्रतिशत और खाद्य एवं पेय पदार्थों से 5 प्रतिशत के साथ 56 विविध क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने वाले स्टार्टअप को मान्यता मिली है।
भारत में स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनने के लिए न्यूनतम समय 6 महीने और अधिकतम समय 26 वर्ष है। वित्त वर्ष 2016-17 तक हर साल लगभग एक यूनिकॉर्न तैयार होता हो रहा है। पिछले चार वर्षों में (वित्त वर्ष 2017-18 के बाद से) यह संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न की संख्या में सालाना आधार पर 66 प्रशित की वृद्धि हुई है।
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