सिख विरोध दंगे पर 186 केस पर एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद रिपोर्ट सौंपी। पूर्व हाई कोर्ट जज एस एन ढींगरा के नेतृत्व वाली एसआईटी से 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोध दंगे पर रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में इस बात का सवाल दिया गया है कि कितने मामलों को दोबारा खोलने की जरूरत है।
नई दिल्ली. सिख विरोध दंगे पर 186 केस पर एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद रिपोर्ट सौंपी। पूर्व हाई कोर्ट जज एस एन ढींगरा के नेतृत्व वाली एसआईटी से 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोध दंगे पर रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में इस बात का सवाल दिया गया है कि कितने मामलों को दोबारा खोलने की जरूरत है। 2 हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि रिपोर्ट याचिकाकर्ता को सौंपी जाए या नहीं।
3000 से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत
- 1984 के सिख विरोधी दंगे सिखों के विरुद्ध थे, जो इंदिरा गांधी के हत्या के बाद हुए थे। इन्दिरा गांधी की हत्या उन्हीं के अंगरक्षकों ने कर दी थी जो कि सिख थे। इन दंगों में 3000 से ज्यादा मौतें हुई थी। राजीव गांधी जिन्होंने अपनी मां की मौत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उन्होंने कहा था, "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तब पृथ्वी भी हिलती है।"
- 1984 के दंगों की सुनवाई करते हुए 17 दिसम्बर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था, जिसमें सज्जन कुमार (प्रमुख आरोपी) को उम्रकैद और अन्य आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गयी है।