कोरोना को हराने के लिए काफी नहीं 21 दिन का लॉकडाउन: रिसर्च में दावा

कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। लेकिन एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए यह काफी नहीं है। यह बात कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 9:52 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 09:44 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। लेकिन एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए यह काफी नहीं है। यह बात कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई है। 

इस प्रकोप को रोकने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए जा रहे अध्ययन में बताया गया है कि तीन लॉकडाउन - 21 दिन, 28 दिन और 18 दिन - बीच में पांच दिनों के आराम के साथ प्रसार को धीमा करने और संक्रमण की संख्या को कम करने के लिए अधिक प्रभावी हो।

एक नहीं लगें तीन लॉकडाउन
इस रिसर्च का इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च भी अध्ययन कर रही है, जिससे महामारी से लड़ने के लिए आगे की लड़ाई के लिए रणनीति तैयार की जा सके। रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि देश में 21, 28 और 18 दिन के तीन लॉकडाउन ज्यादा असरदार होंगे। इस लॉकडाउन के बीच में 5 दिन का वक्त भी देना चाहिए। इससे संक्रमण के मामलों को कम करने में मदद मिलेगी।
  
इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस चेन्नई - यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में रोनोजॉय अधिकारी और राजेश सिंह ने भारत के लिए पहला मॉडल विकसित किया है जो लॉकडाउन में घर पर रह रहे लोगों और काम कर रहे लोगों में संक्रमण के प्रभाव को दर्शाता है। 

अगर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं अपनाते तो हो जाती मुश्किल
इस रिसर्च में दावा किया गया है कि अगर हम सोशल डिस्टेंसिंग को नहीं अपनाते या फिर यह लॉकडाउन नहीं होता तो भारत में 60-64 उम्र के 6 लाख लोगों की मौत होती। वहीं, 65-69 उम्र वाले चार लाख लोगों की जान जाती। वहीं, 20 साल की उम्र के करीब वाले 3 लाख लोग इस महामारी में अपनी जान गंवाते। 

रिपोर्ट में चार ग्राफ के द्वारा बताया गया है

ग्राफ-1 :  21 दिन के लॉकडाउन के बाद कम होंगे मामले, लेकिन बाद में बढ़ जाएंगे

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 3 महीने के लॉकडाउन के बाद भारत में संक्रमण के मामलों में कमी आएगी। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद मामले तेजी से बढ़ेगे और यह 15 मई तक 6 हजार तक पहुंच जाएंगे। 

ग्राफ- 2: दूसरे ग्राफ में बताया गया है कि अगर 21 दिन के लॉकडाउन के बाद एक 28 दिन का और लॉकडाउन किया जाता है तो इन 49 दिनों के बाद मई-जून में संक्रमण के मामले बढ़ेंगे। 


ग्राफ- 3 : इसमें बताया गया है कि  21 दिन  के बाद 28 दिन और उसके बाद 18 दिन का लॉकडाउन किया जाए। इनके बीच में 5-5 दिन का अंतराल हो तो मामले कम हो सकते हैं।

ग्राफ- 4- इसके मुताबिक, अगर 21 दिन के लॉकडाउन को 49 का कर दिया जाए तो मामले एक दम कम हो सकते हैं। 

वहीं, जानकारों का मानना है कि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद मामलों में कमी हो सकती है। लेकिन अगर ये कहा जाए कि इससे वायरस का असर एकदम खत्म हो जाएगा, तो यह सही नहीं है। 

भारत में कोरोना की स्थिति
भारत में कोरोना के  1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 86 लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक भारत में कोरोना से 27 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।

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