ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक 25 भैंसों की मौत हो गई है। किसान डरे हुए है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। स्थानीय अधिकारियों की माने तो भैंसों में बीमारी के कारण मौत हो रही है। इसे रोकने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
भुवनेश्वर. ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक 25 भैंसों की मौत हो गई है। किसान डरे हुए है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। स्थानीय अधिकारियों की माने तो भैंसों में बीमारी के कारण मौत हो रही है। इसे रोकने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
केंद्रपाड़ा के पशु चिकित्सा अधिकारी आशीस सत्पथी ने कहा, रानीपोखरी, बालाकटी, नागापाड़ा और कुछ अन्य गांवों में इस बीमारी का प्रकोप बताया गया है। यह थायरियोसिस होने की आशंका है, जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में आता है।
भैंसों को मच्छरदानी से कवर किया जा रहा
उन्होंने कहा, प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों को टीका लगाया जा रहा है। हमने भैंस मालिकों को सलाह दी है कि वे मच्छरदानी से उन्हें कवर रखें। हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इतनी मौतों के बाद भी राज्य सरकार निष्क्रिय है।
जनवरी 2020 में भी हुई थी 40 गायों की मौत
साल 2020 के जनवरी महीने में भी केंद्रपाड़ा के गरदापुर ब्लॉक में स्थित कई गांवों में हेमोरेजिक सेप्टिसीमिया के कारण चार दिनों के भीतर लगभग 40 भैंसों की मौत हो गई थी। तब केंद्रपाड़ा के मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी प्रसन्ना कुमार पटनायक ने कहा था, यह बीमारी गढ़पुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों तक सीमित है।
"प्रभावित गांवों के लोगों को मृत जानवरों से दूर रखने और अधिकारियों को सूचित करने का निर्देश दिया गया। भैंसों के शवों को दस्ताने के साथ ही छूना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भैंसों को गहरे गड्ढे में दफनाए।