
Tahawwur Rana: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी ताहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने भारत को प्रत्यर्पित किए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति एलेना केगन ने गुरुवार को राणा की याचिका को खारिज करते हुए भारत को प्रत्यर्पित किए जाने पर रोक लगाने की अपील को अस्वीकार कर दिया।
ताहव्वुर राणा ने भारत प्रतयर्पण किए जाने से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपनी याचिका में राणा ने यह तर्क दिया कि विभिन्न कारणों से वह भारत में मुकदमा चलाने के लिए लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। बता दें कि तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उसे अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था।
राणा ने एक अपील में कहा, "अगर रोक नहीं लगाई जाती है, तो कोई समीक्षा नहीं होगी। अमेरिकी न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र समाप्त हो जाएगा और याचिकाकर्ता जल्द ही मर जाएगा।" 26/11 आतंकवादी हमलों के आरोपी ने दावा किया कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो यह अत्यधिक संभावना है कि उसे यातना दी जाएगी क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है।
आगे उसने कहा कि अपने मुस्लिम धर्म, पाकिस्तानी मूल, पाकिस्तानी सेना के पूर्व सदस्य होने, 2008 मुंबई हमलों से संबंधित आरोपों और अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उसे यातना दिए जाने की संभावना अधिक है और यह यातना उसे जल्द ही मौत के घाट उतार सकती है।
बता दें कि फरवरी में मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताहव्वुर राणा के भारत को प्रत्यर्पण की घोषणा की थी और कहा था कि उसे न्याय का सामना करना होगा। यह घोषणा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की थी, जो उनकी द्विपक्षीय बैठक के बाद आयोजित की गई थी। ताहव्वुर राणा, पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का एक जाना-पहचाना साथी है, जो 2008 में मुंबई में हुए 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था।
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