मनचाहे स्थान पर बेच सकेंगे फसल, दलाली खत्म...जानें कैसे नए कृषि कानून से किसानों को जबरदस्त फायदा?

केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने खेती से जुड़े तीन ऑर्डिनेंस को पारित करने के लिए लोकसभा में विधेयक प्रस्‍तुत किए। सरकार ने कहा कि यह कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है। ऐसे में हम बताते हैं कि आखिर इस कानून से कैसे किसानों का भला होगा?

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2020 6:29 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली. केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने खेती से जुड़े तीन ऑर्डिनेंस को पारित करने के लिए लोकसभा में विधेयक प्रस्‍तुत किए। सरकार ने कहा कि यह कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है। ऐसे में हम बताते हैं कि आखिर इस कानून से कैसे किसानों का भला होगा?

सबसे पहले जानें क्या है तीन विधेयक?
1- किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020(The Farmers Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill 2020)
2- किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020(The Farmers(Empowerment and Protection)Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill 2020)
3- आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020(The Essential Commodities (Amendment) Bill  


अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार
केंद्र सरकार इसे अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार कहा जा रहा है। 

1- किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020  (The Farmers Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill 2020)

अभी क्या व्यवस्था- किसानों के पास फसल बेचने के ज्यादा विकल्प नहीं है। किसानों को एपीएमसी यानी कृषि उपज विपणन समितियों  में फसल बेचनी होती है। इसके लिए जरूरी है कि फसल रजिस्टर्ड लाइसेंसी या राज्य सरकार को ही फसल बेच सकते हैं। दूसरे राज्यों में या ई-ट्रेडिंग में फसल नहीं बेच सकते हैं।

नए कानून से क्या फायदा- 
1- नए कानून में किसानों को फसल बेचने में सहूलियत मिलेगी। वह कहीं पर भी अपना अनाज बेच सकेंगे। 
2- राज्यों के एपीएमसी के दायरे से बाहर भी अनाज बेच सकेंगे। 
3- इलेक्ट्रॉनिग ट्रेडिंग से भी फसल बेच सकेंगे। 
4- किसानों की मार्केटिंग लागत बचेगी। 
5- जिन राज्यों में अच्छी कीमत मिल रही है वहां भी किसाने फसल बेच सकते हैं।
6- जिन राज्यों में अनाज की कमी है वहां भी किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल जाएगी।

2- किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill 2020)

अभी क्या व्यवस्था है- यह कानून किसानों की कमाई पर केंद्रित है। अभी किसानों की कमाई मानसून और बाजार पर निर्भर है। इसमें रिस्क बहुत ज्यादा है। उन्हें मेहनत के हिसाब से रिटर्न नहीं मिलता। 

नए कानून से क्या फायदा- 
1- नए कानून में किसान एग्री बिजनेस करने वाली कंपनियों, प्रोसेसर्स, होलसेलर्स, एक्सपोर्टर्स और बड़े रिटेलर्स से एग्रीमेंट कर आपस में तय कीमत में फसल बेच सकेंगे। 
2- किसानों की मार्केटिंग की लागत बचेगी। 
3- दलाल खत्म हो जाएंगे।
4- किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
5- लिखित एग्रीमेंट में सप्लाई, ग्रेड, कीमत से संबंधित नियम और शर्तें होंगी। 
6- अगर फसल की कीमत कम होती है, तो भी एग्रीमेंट के तहत किसानों को गारंटेड कीमत मिलेगी। 

3- आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 (The Essential Commodities (Amendment) Bill 
अभी क्या व्यवस्था है- अभी कोल्ड स्टोरेज, गोदामों और प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट में निवेश कम होने से किसानों को लाभ नहीं मिल पाता। अच्छी फसल होने पर किसानों को नुकसान ही होता है। फसल जल्दी सड़ने लगती है।

नए कानून से क्या फायदा-  
1- नई व्यवस्था में कोल्ड स्टोरेज और फूड सप्लाई से मदद मिलेगी जो कीमतों की स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। 
2- स्टॉक लिमिट तभी लागू होगी, जब सब्जियों की कीमतें दोगुनी हो जाएंगी।  
3- अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया गया है। 
4- युद्ध, प्राकृतिक आपदा, कीमतों में असाधारण वृद्धि और अन्य परिस्थितियों में केंद्र सरकार नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगी।

तीनों विधेयकों में सरकार के खिलाफ कौन है?
कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, बसपा, एनसीपी और माकपा विरोध में हैं। शिवसेना बिल पर सरकार के साथ खड़ी है। एनडीए का साथी शिरोमणि अकाली दल भी बिल के विरोध में आ गया है। कृषि अध्यादेश के विरोध में शिरोमणि अकाली दल से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। 

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