देश में कोरोना मरीजों के इलाज पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र की गाइडलाइंस को नहीं अपनाया जा रहा। दिल्ली में तो डरा देने वाली स्थिति है। हालात ऐसे हैं कि तरस आता है। देश की राजधानी में जिस तरीके से कोरोना से निपटा जा रहा है, उसमें दिक्कतें हैं। ऐसे में बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना की क्या स्थिति है?
नई दिल्ली. देश में कोरोना मरीजों के इलाज पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र की गाइडलाइंस को नहीं अपनाया जा रहा। दिल्ली में तो डरा देने वाली स्थिति है। हालात ऐसे हैं कि तरस आता है। देश की राजधानी में जिस तरीके से कोरोना से निपटा जा रहा है, उसमें दिक्कतें हैं। ऐसे में बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना की क्या स्थिति है?
दिल्ली : डरा रहा मौत का बढ़ता ग्राफ
दिल्ली में जब शुरुआत में कोरोना फैला को मृत्यु दर कम थी। लेकिन अब जून के 12 दिनों में 612 मौतें बताई गई हैं। कोरोना से दिल्ली में पहली मौत 13 मार्च को हुई थी। फिर 100वीं मौत 13 मई को। फिर 200 वीं मौत 22 मई को हुई। इसके बाद 1 जून को 500 वीं और 11 जून को ही 1000वीं मौत हो गई।
दिल्ली : टेस्टिंट के लिए 40 लैब्स, लेकिन नहीं ले रहें सैंपल
देश की राजधानी दिलली में कोरोना टेस्टिंग के लिए 40 लैब्स हैं। इसमें से 17 सरकारी और 23 प्राइवेट है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक मीडिया संस्थान ने इनका रियलिटी चेक किया तो पता चला कि 15 लैबोरेट्रीज में से अधिकतर ने कहा कि टेस्टिंग के लिए पेशेंट्स को डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन लेकर खास फैसिलिटी में जाना होगा। प्रिस्क्रिप्शन में यह साफ लिखा होना चाहिए कि टेस्टिंग की जरूरत क्यों है। हालांकि कईयों ने तो टेस्टिंग से ही मना कर दिया।
दिल्ली : कोरोना के 271516 टेस्ट, मुंबई पीछे
दिल्ली सरकार की ओर से गुरुवार को जो मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया था, उसके मुताबिक दिल्ली में 11 जून तक कुल 271516 टेस्ट हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 5300 के करीब टेस्ट हुए थे। अगर दिल्ली और मुंबई के टेस्टिंग और कुल कोरोना वायरस के आंकड़ों को देखें तो टेस्टिंग के मामले में दिल्ली आगे दिखती है। जबकि अगर राज्यों के आधार पर तुलना करेंगे तो महाराष्ट्र दिल्ली से काफी आगे है। दिल्ली में रोज करीब 5500 के आसपास टेस्ट हो रहे हैं, लेकिन मुंबई में भी इतने के करीब ही टेस्ट हो रहे हैं।
दिल्ली : कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 8575 बेड, लेकिन ये काफी नहीं
दिल्ली में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अभी 8575 बेड हैं। इसमें सरकारी अस्पतालों में 5678 और प्राइवेट अस्पतालों में 2887 बेड हैं। इसमें सरकारी अस्पतालों में 2463 बेडों पर मरीज हैं और 3215 बेड खाली हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में 1950 बेडों पर मरीज हैं और 937 बेड खाली हैं। दिल्ली में अभी तक 4413 बेडों पर मरीज हैं और 4162 बेड खाली हैं।
दिल्ली : 31 जुलाई तक 5.50 लाख केस होने की आशंका, बेड कम
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरूमीटिंग में उप मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, कल एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी कंटेनमेंट जोन में कम्युनिटी ट्रांसमिशन होना शुरू हो गया है। लेकिन इसपर तकनीकी रूप से फैसला लेना केंद्र सरकार के हाथ में है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था, दिल्ली में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख कोविड-19 के मामले होंगे। ऐसे में हमें तक 80 हजार बेड्स की जरूरत पड़ेगी।
दिल्ली : कोरोना के 34 हजार केस
दिल्ली में कोरोना के 34 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। देश में कोरोना से प्रभावित राज्यों में दिल्ली तीसरे नंबर पर है। यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 1085 है। वहीं कोरोना से 12 हजार से ज्यादा लोग ठीक हुए हैं।
दिल्ली : सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके
दिल्ली में सबसे ज्यादा सेंट्रल ईस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ ईस्ट दिल्ली प्रभावित है।