दिल्ली हिंसा के दौरान इमरान ने ऐसे बचाई जान, कहा, मरने का नाटक किया, नाले में पड़ा रहा

तीन दिन तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए। 40 से ज्यादा लोग मारे गए। कई अब भी लापता हैं। कुछ के परिजन तो अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। कई लाशों की तो पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है।  

Asianet News Hindi | Published : Mar 3, 2020 11:48 AM IST

नई दिल्ली. तीन दिन तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए। 40 से ज्यादा लोग मारे गए। कई अब भी लापता हैं। कुछ के परिजन तो अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। कई लाशों की तो पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है। इस बीच हिंसा के दौरान की कई कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक कहानी मुस्तफाबाद के इमरान की है। बता दें कि दिल्ली में 23 फरवरी (रविवार) को दंगा शुरू हुआ और 25 तारीख की शाम तक आगजनी और हिंसा की खबरें आती रहीं।

जान बचाने के लिए मरने का नाटक किया
मुस्तफाबाद में रहने वाले 35 साल के इमरान बताया कि सोमवार को वह काम पर जा रहे थे। इसी दौरान कुछ लोग दौड़ते हुए उसके पास आए और नाम पूछने लगे। मैंने जैसे ही अपना नाम इमरान बताया, भीड़ में शामिल लोग मुझे पीटने लगे।
- लोगों की मार से मैं बेसुध होने लगा। मैंने जान बचाने के लिए मरने का नाटक किया। भीड़ के लोगों ने मुझे मरा समझकर नाले में फेंक दिया। कुछ देर बाद जब लोग वहां से चले गए तो मैं नाले से बाहर निकल आया। 

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घर पहुंचा और पुलिस को खबर दी
इमरान ने बताया, जैसे तैसे मैं घर पहुंचा। वहां घरवाले मेरी हालत देखकर घबरा गए। सोमवार की रात जागते हुए कटी। हर वक्त डर लगा रहता कि कहीं से कोई भीड़ हमला न कर दे। सुबह होते ही पुलिस को खबर किया।

पुलिस ने सुरक्षित घर से निकाला
इमरान ने बताया कि मंगलवार की सुबह घर पर पुलिस पहुंची। इसके बाद सबको घर से सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद इमरान को अल हिन्द अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज हुआ। 

दिल्ली हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है। 

दिल्ली में कैसे शुरू हुई हिंसा?
सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा।

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