रेलमंत्री का बयान- विकास के लिए निजीकरण जरूरी

रेलमंत्री ने कहा है कि रेलवे के विकास के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत है। सरकार के पास मौजूद फंड से इसे पूरा कर पाना मुश्किल है, इसलिए कुछ क्षेत्रों का निजीकरण करना जरूरी है। 

Sushil Tiwari | Published : Jul 7, 2019 7:20 AM IST / Updated: Jul 12 2019, 05:42 PM IST

पणजी. गोवा पहुंचे रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बयान दिया है कि भारतीय रेलवे को 2030 तक सबसे अच्छी रेल सेवा बनाएंगे। इसके लिए करीबन 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। इसे सिर्फ सरकार अकेले पूरा नहीं कर सकती है। जल्द ही कुछ क्षेत्रों में निजीकरण की जरूरत है। गोयल गोवा इकाई के सदस्यता अभियान कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां उन्होंने ये बात कही है। साथ ही कहा है रेलवे गोवा तक पहुंच चुका है। अब विस्तार करते हुए इसे टूरिस्ट प्लेस बनाया जाएगा। 

11- 12 साल आगे का ध्यान रखकर बनाया बजट

रेलमंत्री ने बजट पर बात करते हुए कहा है कि बजट को करीबन 11-12 साल ध्यान में रखकर बनाया है। उन्होंने कहा कि पूरे रेलवे के निजीकरण की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन निवेश का वहन करने के लिए कुछ क्षेत्रों में निजीकरण किया जाना जरूरी है। निजी क्षेत्र लाइसेंस फीस के बदले इन क्षेत्रों में अपने रेलवे लाइन का संचालन कर सकता है। रेलवे ट्रांसपोर्ट का एक महत्वपूर्ण साधन है और बजट में इसका भी ध्यान रखा गया है। 


उन्होंने कहा रेलवे पर भार बढ़ने से यात्रियों और मालगाड़ियों को असुविधा और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे विस्तार को ध्यान में रखते हुए पिछले पांच सालों की तुलना में इस साल दोगुना निवेश करने की योजना बनाई गई है। यह रकम 1.60 लाख करोड़ रुपए के आसपास है। 2013-14 में यह 40 से 45 हजार करोड़ थी।

निजी कंपनियां लाइनें बिछा सकती हैं
रेलमंत्री ने कहा है कि एक योजना के तहत कुछ सेक्टर ऐसे हो सकते हैं जहां निजी कंपनियां अपनी लाइन बिछा सकती हैं। हमें कोई समस्या नहीं होगी। वे हमसे लाइसेंस ले सकते हैं। रेलवे अपना राजस्व बढ़ाने में सक्षम होगी। अगर इसका राजस्व बढ़ेगा तो यह अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने में सक्षम होंगे।'

सरकार अकेले निवेश करने में सक्षम नहीं

पीयूष गोयल ने कहा है सरकार अकेले 50 लाख करोड़ का निवेश करने में सक्षम नहीं है। इसके लिए अतंरराष्ट्रीय मानकों की तकनीक, निवेश और सार्वजनिक-प्राइवेट साझेदार या फिर टीओटी मॉडल को लाना होगा। हम रेलवे के विकास के लिए अलग तरह का मॉडल अपनाएंगे। 

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