सुप्रीम कोर्ट के छह जज स्वाइन फ्लू (एच1एन1 वायरस) से संक्रमित हो गए हैं। हालांकि, सभी जजों को यह संक्रमण एक साथ नहीं हुआ। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों और कोर्ट के स्टाफ को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बताया जा रहा कि चार जज अब स्वस्थ हो चुके हैं और कार्य कर रहे हैं। दो अन्य जज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के छह जज स्वाइन फ्लू (एच1एन1 वायरस) से संक्रमित हो गए हैं। इस बात की जानकारी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कोर्ट में दी। उन्होंने कहा कि सभी जजों ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे से इसके उपचार को लेकर बैठक की है। साथ ही उनसे जजों और स्टाफ के टीकाकरण के निर्देश देने की मांग की गई है। हालांकि, सभी जजों को यह संक्रमण एक साथ नहीं हुआ। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों और कोर्ट के स्टाफ को सावधानी बरतने की सलाह दी।
मास्क पहन जजों ने की मामले की सुनवाई
चार जज अब स्वस्थ हो चुके हैं और कार्य कर रहे हैं। दो अन्य जज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। ये अगले दो दिन में काम पर लौट सकते हैं। मंगलवार को कोर्ट नंबर 2 में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एनवीय रामन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने मास्क लगाकर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय अरविंद बोबड़े ने संक्रमण की रोकथाम के लिए बार एसोसिएशन के साथ बैठक की।
विदेशी प्रतिनिधि थे संक्रमित, जज भी आए चपेटे में
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- बैठक में यह फैसला लिया गया है कि शीर्ष अदालत वकीलों के टीकाकारण के लिए टीके उपलब्ध कराएगी। इस बीच, स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे के साथ एक बैठक हुई।
दवे ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हाल ही में कोर्ट परिसर में न्यायिक सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ विदेशी प्रतिनिधि सदस्य वायरस से संक्रमित थे। स्वाइन फ्लू से पीड़ित जजों में से दो सबरीमाला फैसले के मामले की सुनवाई कर रहे हैं, जिसकी वजह से सुनवाई में देरी हुई है।
पिछले महीने पंजाब में स्वाइन फ्लू का मरीज मिला था
पिछले महीने पंजाब के पंचकूला के मरीज में स्वाइन फ्लू का वायरस पाया गया था। 5 मरीज संदिग्ध पाए गए थे। एच1एन1 वायरस का पॉजिटिव केस सामने आने पर मरीज का पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज शुरुआत में क्रिटिकल कंडीशन में था, लेकिन अब खतरे से बाहर है।
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2, H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य स्ट्रेंस भी सूअरों में मौजूद रहते हैं। हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतया संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क के बाद से। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के इस नए स्ट्रेन, जिसे इन्फ्लुएंजा ए (H1N1) कहा जाता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।