भारत-पाक युद्ध से एयरस्ट्राइक तक...इन 7 शौर्य गाथाओं ने हर सीना 56 इंच का किया

भारत अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। आजादी के इन सात दशकों को भारत ने जाया नहीं होने दिया। देश के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विश्वपटल पर मुल्क को नई ऊंचाई दी। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2019 2:35 PM IST / Updated: Aug 14 2019, 08:07 PM IST

भोपाल. मणिपुर में 4 जून 2015 को उग्रवादियों ने भारतीय सेना के काफिले पर हमला कर दिया था। इसमें 18 जवान शहीद हुए थे। भारत ने इस हमले का जवाब  10 जून को म्यांमार की सीमा में 50 किलोमीटर अंदर घुसकर बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। पैराकमांडो जवानों ने 150 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। यह किसी दूसरे देश में घुसकर भारत की पहली कार्रवाई थी। 

ब्रिटेन से 1947  में आजाद होने के बाद सेना भले ही भारत सरकार के अधीन आ गई हो लेकिन चुनौतियां कम नहीं हुई थीं। सेना ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए जरुरत पड़ने पर अपने पराक्रम से देश का मान हमेशा ऊंचा रखा। आइए हम आपको 7 ऐसी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जब दुश्मन के छक्के छुड़ाकर हम बन गए सारे जहां से अच्छा..

1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध



यह युद्ध साल 1965 में पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्रॉल्टर के साथ शुरू हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान की ने जम्मू कश्मीर में सेना भेजकर भारत के खिलाफ विद्रोह करने की कोशिश की थी। जिसके जवाब में भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए। ये युद्ध 17 दिन तक चला था। इसमें हजारों की संख्या में जनहानि हुई थी। सोवियत संघ और यूएन के हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम घोषित किया गया। दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने 1966 में ताशकंद समझौते के तहत हस्ताक्षर किए।

बांग्लादेश नया देश बना



1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच एक और युद्ध हुआ। उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। इसमें 94000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया। इस युद्ध में पाक की हार को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र समेत अमेरिका, ब्रिटेन, चीन फ्रांस मदद के लिए आगे आए। उस वक्त 1948 में हुए समझौते के तहत भारत का साथ रूस ने दिया। रूस ने सभी देशों को चेतावनी देते हुए कहा- अगर भारत को कोई नुकसान हुआ तो भुगतने के लिए तैयार रहना। इसके बाद सभी देश पीछे हट गए। तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उस वक्त पूरी दुनिया को सीधा संदेश दिया था, कि भारत को समझने की भूल न करें। इसके बाद पाकिस्तान से अलग करके बांग्लादेश बना दिया गया और एक नए देश बांग्लादेश की स्थापना हुई।

करगिल युद्ध

साल 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध को कारगिल नाम से जाना जाता है। जिस जगह पर यह युद्ध हुआ उसे कारगिल कहते हैं। यह बहुत ठंडा इलाका है। इसपर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था। जब भारत की सेना को इसकी जानकारी लगी तो को इसका पता चला तो उन्होंने इसका मुहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की।

परमाणु परीक्षण



1971 के युद्ध के बाद भारत पाकिस्तान के बीच दुश्मनी चरम पर थी, इसी बीच 18 मई 1974 को उस दिन बुद्ध जयंती थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक फोन का इंतजार कर रही थीं। उनके पास एक वैज्ञानिक का फोन आता है और वह कहते हैं "बुद्ध मुस्कराए"। इस संदेश का मतलब था कि भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया है। दुनिया में भारत ये कारनामा करने वाला पहला देश था, जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य न होते हुए भी परमाणु परीक्षण करने का साहस किया। 
11 मई 1998 को पोखरन में दूसरा परमाणु परीक्षण किया गया। परीक्षण से पहले अमेरिका स्‍पाई सैटेलाइट्स के जरिए भारत पर कड़ी निगरानी रख रहा था। लेकिन तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने वो कर दिखाया,  जिससे दुनिया के सामने भारत की छवि को बदल गई। उस दिन दुनिया ने समझा कि भारत तेजी से उभरती ताकत है। 

म्यांमार स्ट्राइक



मणिपुर में 4 जून 2015 को उग्रवादियों ने भारतीय सेना के काफिले पर हमला कर दिया था। इसमें 18 जवान शहीद हुए थे। भारत ने इस हमले का जवाब  10 जून को म्यांमार की सीमा में 50 किलोमीटर अंदर घुसकर बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। पैराकमांडो जवानों ने 150 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। यह किसी दूसरे देश में घुसकर भारत की पहली कार्रवाई थी। 

सर्जिकल स्ट्राइक



18 सितंबर 2016 में उरी में स्थित सेना के कैंप पर हमला कर दिया था। इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे। जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी भी मारे गए थे। हमले में पाकिस्तान से आए आतंकियों का हाथ था। ऐसे में भारत ने 29 सितंबर को पीओके में तीन किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया। इसमें 38 आतंकी और पाकिस्तान के सैनिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन को सर्जिकल स्ट्राइक नाम दिया गया। इससे भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बता दिया था कि भारत अन्य देशों की सीमाओं में घुसकर आतंकियों को जवाब दे सकता है। 

बालाकोट स्ट्राइक



14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायिन हमला हुआ। इसमें 40 जवान शहीद हुए। पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। पूरा देश मोदी सरकार से जवाब मांग रहा था। वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा में 50 किलोमीटर अंदर घुसकर बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया। इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद यह पहला मौका था, जब भारतीय वायुसेना ने किसी दूसरे देश में घुसकर कार्रवाई की हो।

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