अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि यदि केंद्र द्वारा दिल्ली की नौकरशाही को नियंत्रित करने वाले अध्यादेश पर समर्थन नहीं देती है तो वह विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
नई दिल्ली। बीजेपी के खिलाफ संयुक्त विपक्ष बनने के पहले ही टूटता नजर आ रहा है। विपक्षी दलों की संयुक्त मीटिंग होने के एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने तल्ख तेवर दिखाए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि यदि केंद्र द्वारा दिल्ली की नौकरशाही को नियंत्रित करने वाले अध्यादेश पर समर्थन नहीं देती है तो वह विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
AAP ने क्या कहा संयुक्त विपक्ष के मुद्दे पर?
आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को धमकी दी है कि अगर कांग्रेस केंद्र सरकार के विवादित आदेश पर समर्थन नहीं करती है तो वह शुक्रवार को होने वाली प्रमुख विपक्षी दलों की मीटिंग में शिरकत नहीं करेगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने दिल्ली राज्य की नौकरशाही पर नियंत्रण के लिए एक अध्यादेश लाया है। इस अध्यादेश के कानून बनने के बाद दिल्ली सरकार का नियंत्रण प्रशासन से खत्म हो जाएगा। पिछले महीने केंद्र द्वारा पेश किए अध्यादेश का उद्देश्य दिल्ली अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सिविल सेवा (DANICS) कैडर के समूह-ए अधिकारियों के खिलाफ स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना करना है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया केंद्र का अध्यादेश
केंद्र और दिल्ली के बीच काफी दिनों से प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा था। दिल्ली सरकार के हर आदेश पर उप राज्यपाल द्वारा हस्तक्षेप किया जाता रहा है और सरकार को पूरी तरह से नियंत्रित किया जाता रहा है। इस विवाद का हल करते हुए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि दिल्ली राज्य की चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक अधिकारियों का नियंत्रण होगा। इस फैसले के बाद दिल्ली की चुनी हुई राज्य सरकार को काफी अधिकार मिल गए। लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश ला दिया जिसके लागू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला कमजोर हो जाएगा।
दिल्ली के सीएम बोले-कांग्रेस करे अपना रूख साफ तभी मीटिंग में जाएंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि कांग्रेस शुक्रवार को विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख साफ करेगी। वह अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने और इसे संसद के माध्यम से कानून बनने से रोकने के प्रयास में गैर-भाजपा दलों के नेताओं से लगातार मिल रहे हैं। केजरीवाल ने मंगलवार को कहा, “कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना होगा, क्योंकि बैठक में अन्य सभी राजनीतिक दल उसकी स्थिति के बारे में पूछेंगे।”
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