आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ JNU प्रशासन, हाईकोर्ट में दायर की गई अवमानना की याचिका

हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे छात्रों का आंदोलन तमाम कवायदों के बाद भी समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसका कारण है कि अब जेएनयू प्रशासन आंदोलनकारी छात्रों के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। जहां प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2019 2:00 AM IST / Updated: Nov 20 2019, 11:04 AM IST

नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उन प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की जिन्होंने अदालत के आदेश का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन किया। जेएनयू ने याचिका में दावा किया कि छात्रों ने प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन और दैनिक कामकाज को प्रभावित कर उच्च न्यायलय के नौ अगस्त 2017 के आदेश का उल्लंघन किया है। याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था कायम रखने से इनकार करने और प्रशासनिक भवन के आसपास अवरोधकों को हटा कर दिल्ली पुलिस ने भी उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की है। 

ABVP से वापस खींचे हाथ 

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आरएसएस संबद्ध एबीवीपी ने मंगलवार को हॉस्टल फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया और एचआरडी मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति से विवाद निपटाने की मांग की। गौरतलब है कि करीब तीन सप्ताह से छात्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रावास नियमावली के मसौदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें छात्रावास की फीस बढ़ाए जाने, ड्रेस कोड और आवाजाही के समय पर प्रतिबंध का जिक्र है।

पुलिस की कार्रवाई की निंदा

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने भी परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली पुलिस की उस कार्रवाई की निंदा भी कि जिसमें उसने ‘‘ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के छात्रों से हाथापाई की और अवरोधक लगाए।’’

समर्थन लिया वापस 

साथ ही उसने कहा कि एचआरडी मंत्रालय की समिति को स्वीकार करने के कारण एबीवीपी वाम पंथी इकाई को दिया अपना समर्थन वापस लेता है। एबीवीपी ने वामपंथी इकाई पर आरोप भी लगाया कि उसके लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और एबीवीपी पर हमला बोलने के बावजूद उसने लगातार इस अभियान का समर्थन किया और संयुक्त लड़ाई की मांग भी की।

प्रयासों को नहीं सराहा

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुख्यालय के बाहर एबीवीपी ने 13 नवम्बर को प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय के लिए कोष की मांग भी थी। एबीवीपी ने आरोप लगाया, ‘‘ वामपंथी इकाई ने कभी एबीवीपी के संघर्ष और प्रयासों को नहीं सराहा, जिसके चलते यूजीसी ने 6.7 करोड़ रुपये की राशि देने का वादा किया था।

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