सरकार ने संसद में कहा है कि देश में दो प्रकार की मदरसा शिक्षा प्रणाली के तहत संचालित मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 19132 है, जबकि 4878 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी संचालित हो रहे हैं।
नई दिल्ली. सरकार ने संसद में कहा है कि देश में दो प्रकार की मदरसा शिक्षा प्रणाली के तहत संचालित मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 19132 है, जबकि 4878 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी संचालित हो रहे हैं।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर बताया कि देश में सर्वाधिक मदरसे उत्तर प्रदेश में हैं।
2907 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे
राज्य में 11621 मान्यता प्राप्त और 2907 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश ने मदरसों में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को अपनाने का निर्णय लिया है।
मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा
नकवी ने कहा कि इसके अलावा असम में मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या शून्य है जबकि राज्य में उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के बाद सर्वाधिक, 179 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। आंध्र प्रदेश में 12 मान्यता प्राप्त मदरसे और 246 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
दिल्ली और गोवा में कोई मदरसा नहीं
उन्होंने कहा कि दिल्ली और गोवा में कोई मदरसा नहीं है। नकवी ने मंत्रालय की सूचना के आधार पर बताया कि देश में दो प्रकार की मदरसा शिक्षा प्रणाली है। मदरसा दरसे निजामी में सार्वजनिक धर्मार्थ शिक्षा दी जाती है, जिनमें राज्य की स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का अनुसरण किए जाने की कोई बाध्यता नहीं है। इन मदरसों में शिक्षा का माध्यम अरबी, उर्दू तथा फारसी है।
नकवी ने कहा कि दूसरी श्रेणी में मदरसे दरसे आलिया है। ये राज्यों के मदरसा शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होते हैं। इनमें संबद्ध राज्य की स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जाता है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)