शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की योजना बना रही है। वहीं कांग्रेस ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है कि पार्टी इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेगी। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना को गठबंधन धर्म ओर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिला दी।
मुंबई. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस और शिवसेना में जगहों के नाम बदलने के लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने पर विवाद था अब पुणे और अहमदनगर का भी नाम बदलने की मांग की जा रही है।
कांग्रेस ने कहा- हम विरोध करते हैं
शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की योजना बना रही है। वहीं कांग्रेस ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है कि पार्टी इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेगी। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना को गठबंधन धर्म ओर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिला दी। मराठा संगठन संभाजी ब्रिगेड ने अब पुणे का नाम बदलकर जीजानगर करने की मांग को फिर से शुरू कर दिया है।
पुणे का नाम जीजानगर करने की मांग
संभाजी ब्रिगेड के प्रशांत धूमल ने कहा कि पुणे का नाम बदलने की मांग नई नहीं है। जब मुरार जगदेव (विजयपुर दरबार के हिंदू शूरवीरों) ने पुणे को नष्ट कर दिया तो यह जीजाऊ (जीजाबाई) था, जिसने शहर का पुनर्निर्माण किया।
25 साल से नाम बदलने की मांग हो रही
शिवनेरी से राजगढ़ तक पुणे परगना जीजाबाई द्वारा बसाया गया था। यही कारण है कि हम पिछले 25 वर्षों से इसकी मांग कर रहे हैं। हमने इस संबंध में सरकार के साथ कई बार बात भी हुई है।
अहमदनगर का नाम अंबिकापुर करने की मांग
सिरडी से शिवसेना के सांसद ने अहमदनगर का नाम बदलकर अंबिकापुर रखने की मांग की। शिव सेना नेता ने कहा कि अहमदनगर को 1490 में अहमद निजाम शाह (आई) द्वारा प्राचीन शहर भिनार के स्थल पर बनाया गया था। अहमद निजाम शाह ने अहमदनगर में एक नई सल्तनत की स्थापना की, जिसे निजाम शाही राजवंश के नाम से भी जाना जाता है। अहमदनगर में शिवसेना के सांसद सदाशिव लोखंडे ने देवी अंबिका के मंदिर के बाद शहर का नाम बदलकर अंबिकापुर रखने की मांग की है।
शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने कहा, औरंगाबाद को संभाजनाग नाम दिया जाना है। इसी तरह की तर्ज पर हम अहमदनगर का नाम बदलकर अंबिकानगर रखने की मांग करते हैं। इसपर तीनों दल एक साथ बैठकर फैसला करेंगे।
33 साल पुराना है औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा
औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा 1988 से राज्य की राजनीति पर हावी है जब शिवसेना सुप्रीमो स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने का प्रस्ताव रखा था। औरंगाबाद के अलावा शिवसेना उस्मानाबाद का नाम बदलने की पक्षधर रही है।