
Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद के पास हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे में जान गंवाने वाले तीन यात्रियों के एक रिश्तेदार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतकों के परिजन मनीष ने दावा किया है कि बोर्डिंग से पहले एक आव्रजन अधिकारी ने उनके परिवार से 1000 पाउंड मांगे थे, तब जाकर उन्हें फ्लाइट में चढ़ने की इजाजत दी गई।
मनीष ने बताया: मेरी बेटी, उसकी सास और उसका 15 महीने का बेटा इस फ्लाइट में थे। ब्रिटिश पासपोर्ट होने के बावजूद अधिकारी ने उन्हें रोका और कहा कि चूंकि बच्चा भारत में जन्मा और पला-बढ़ा है इसलिए उसे एग्जिट परमिट के लिए अतिरिक्त पत्र चाहिए। बोर्डिंग की अनुमति के लिए 1000 पाउंड मांगे गए।
इस आरोप पर गृह मंत्रालय (MHA) ने सफाई देते हुए कहा कि मांगी गई रकम किसी तरह की रिश्वत नहीं थी बल्कि यह वीज़ा शुल्क और भारत में ओवरस्टे का जुर्माना था। MHA के मुताबिक, एग्जिट परमिट देने के लिए पूरा वैधानिक प्रोसेस अपनाया गया और किसी तरह की मनमानी नहीं हुई।
शनिवार को मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए परिजनों से डीएनए सैंपल जुटाने का काम जारी रहा। बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद में अब तक 250 से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। अधिकांश शव बुरी तरह जल जाने के कारण पहचान से परे हैं, ऐसे में डीएनए जांच ही एकमात्र विकल्प है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) गुजरात के अध्यक्ष डॉ. मेहुल शाह ने बताया कि फ्लाइट AI-171 के बीजे मेडिकल कॉलेज के पास क्रैश होने से चार मेडिकल छात्रों और एक डॉक्टर की पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई।
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने हादसे की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना के संभावित कारणों में इंजन फेल्योर, बर्ड हिट और तकनीकी खराबी को लेकर जांच की जा रही है।
13 जून को लंदन गैटविक जा रही Air India Flight AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। लेकिन सिर्फ 30 सेकंड बाद, वह मेघानीनगर स्थित सिविल अस्पताल परिसर में स्थित छात्रावास और डॉक्टर क्वार्टर से टकराकर आग के गोले में तब्दील हो गई। इस हादसे में 270 लोग मारे गए सिर्फ एक ब्रिटिश-भारतीय नागरिक विश्वाश कुमार रमेश ही जीवित बच सके।