
Ahmedabad Plane crash: Air India AI-171 विमान हादसे के बाद Boeing 787 Dreamliner की सुरक्षा (Safety Standards) और निर्माण प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर तेज बहस शुरू हो गई है। अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही दे चुके बोइंग के पूर्व वरिष्ठ मैनेजर और व्हिसलब्लोअर एड पियर्सन (Ed Pierson) ने बताया कि Dreamliner विमानों का निर्माण खतरनाक और अव्यवस्थित तरीके से हो रहा था।
यह वही Dreamliner मॉडल है, जो 13 जून की रात अहमदाबाद से लंदन जा रही AI-171 फ्लाइट में उपयोग हुआ था और उड़ान भरने के सिर्फ 36 सेकंड बाद आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 274 लोगों की जान गई, जिसमें 31 लोग जमीन पर मारे गए और 241 यात्री विमान में सवार थे। सिर्फ एक यात्री, विश्वाश कुमार रमेश (Viswash Kumar Ramesh), सीट 11A पर बैठे थे और चमत्कारिक रूप से बच गए।
एड पियर्सन ने कहा: हम विमान को जल्दी-जल्दी तैयार कर रहे थे, कर्मचारियों पर ज्यादा काम का दबाव था, पार्ट्स की कमी थी, सिस्टम टेस्टिंग भी अधूरी होती थी। उन्होंने कहा कि AI-171 जैसी घटनाओं में उन गंभीर Manufacturing Faults की भूमिका हो सकती है जिनकी चेतावनी इंजीनियर सैम सालेहपौर (Sam Salehpour) ने पिछले साल अमेरिकी कांग्रेस को दी थी।
सालेहपौर, जिन्होंने लगभग 20 वर्षों तक Boeing में काम किया, ने फ्लाइट बॉडी (fuselage) में छोटे गैप और गलत फिटिंग जैसी समस्याओं की ओर इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ कर्मचारी पुर्जों को जबरदस्ती फिट कर रहे थे, कुछ उन पर कूदकर फिट कर रहे थे। यह तरीके तकनीकी रूप से खतरनाक हैं और भविष्य में structural failure का कारण बन सकते हैं।
NDTV से बातचीत में पियर्सन ने कहा: यह बिल्कुल संभव है कि Dreamliner की जिन खामियों की बात सालेहपौर ने की, वही खामियां Air India AI-171 विमान में भी रही हों। ये समस्याएं सालों से चली आ रही थीं।
अमेरिकी विमानन नियामक FAA (Federal Aviation Administration) ने सालेहपौर के आरोपों के आधार पर जांच शुरू की थी लेकिन फिलहाल उड़ रहे Dreamliner विमानों को सुरक्षित बताया गया है। बोइंग ने भी दावा किया कि ड्रीमलाइनर ने 1.5 लाख से ज्यादा सुरक्षा टेस्ट पास किए हैं और सालेहपौर सहित किसी भी व्हिसलब्लोअर के खिलाफ बदले की भावना से काम नहीं किया गया।
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने AI-171 के ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया है और उसमें रिकॉर्डेड कॉकपिट वॉइस और फ्लाइट डेटा की जांच जारी है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है जो विमानों की सेफ्टी को बेहतर करने के सुझाव देगी। सरकारी बयान के मुताबिक, उड़ान के ठीक बाद पायलट्स ने रात 1:39 से 1:40 बजे के बीच डिस्ट्रेस कॉल भेजा लेकिन फिर वे ATC की कॉल्स का जवाब नहीं दे सके।