भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को मिल जाएंगे। मंगलवार को फाइटर प्लेन में एयर टू एयर री-फ्यूलिंग भी की गई। भारतीय वायुसेना ने सहयोग के लिए फ्रांस की एयरफोर्स का शुक्रिया जताया है। वहीं अंबाला एयरबेस के आसपास धारा 144 लागू हो गई है। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पाबंदी लगी है।
नई दिल्ली. भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को मिल जाएंगे। मंगलवार को फाइटर प्लेन में एयर टू एयर री-फ्यूलिंग भी की गई। भारतीय वायुसेना ने सहयोग के लिए फ्रांस की एयरफोर्स का शुक्रिया जताया है। वहीं अंबाला एयरबेस के आसपास धारा 144 लागू हो गई है। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पाबंदी लगी है।
सोमवार को फ्रांस से रवाना हुए 5 राफेल
सोमवार को फांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर प्लेन भारत के लिए रवाना हुए। फायलटों को आराम देने के लिए
अंबाला एयरबेस पर तैनात होंगे रफाल
राफेल के पहले बैच को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जा रहा है। इसके पीछे खास वजह है कि यहां से चीन और पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 200 किमी दूर है। भारत की पश्चिमी सीमा से अंबाला एयरबेस सिर्फ 200 किमी दूर है। यहां से पाकिस्तान का सरगोधा एयरबेस भी नजदीक है। अंबाला में तैनाती से पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ साथ चीन पर भी तेजी से एक्शन लिया जा सकता है। अंबाला एयरबेस से चीन का गर गुंसा एयरबेस सिर्फ 300 किमी दूर है।
भारत ने 36 राफेल का किया सौदा
भारत ने 2016 में फ्रांस से राफेल का सौदा किया था। इसके तहत भारत में 36 राफेल आने हैं। इनमें से 6 राफेल ट्रेनी होंगे। ये 2 सीटर होंगे। हालांकि, ये भी जरूरत पड़ने पर अन्य 30 की तरह फाइटर प्लेन की भूमिका में आ सकते हैं।
300 किलोमीटर दूर जमीन पर भी साध सकता है निशाना
राफेल का मिसाइल सिस्टम काफी आधुनिक और बेहतर है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर सटीक निशाना साधने वाले हथियारों को अपने साथ ले जाने में सक्षम है। राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल है, जो 150 किलोमीटर मार कर सकती है। वहीं, स्कैल्फ मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है। जबकि HAMMER का इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है। यह मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगार साबित होती है।