आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) को इमाम संगठन चीफ अहमद इलियासी (Ahmed Ilyasi) ने राष्ट्रपिता बताया। इसके बाद इमाम चीफ को लगातार धमकियां मिल रही हैं। इसे देखते हुए सरकार ने उन्हें Y+ सुरक्षा प्रदान की है।
Y+ Security For Imam Sangathan Chief. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को 'राष्ट्रपिता' बताने वाले ऑल इंडिया इमाम संगठन के मुखिया डॉ. उमर अहमद इलियासी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए। इमाम संगठन चीफ को मिल रही धमकियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें Y+ सुरक्षा प्रदान की है। डॉ. इलियासी ने हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी जिसके बाद उन्हें 'राष्ट्रपिता' बताया था। तभी से विवाद होने लगा और इलियासी को लगातार धमकियां भी मिलने लगीं। इसे देखते हुए केंद्र ने सुरक्षा देने का निर्णय लिया है।
बयान पर कायम हैं इलियासी
भले ही ऑल इंडिया इमाम संगठन के प्रमुख को धमकियां मिलीं लेकिन वे अपने बयान से नहीं डिगे। हाल ही में उन्होंने कहा कि वे अपने स्टेटमेंट पर पूरी तरह से कायम हैं। उन्होंने मोहन भागवत को राष्ट्र ऋषि और राष्ट्रपिता कहा था। डॉ. उमर अहमद इलियासी और मोहन भागवत की मुलाकात 22 सितंबर को दिल्ली में हुई थी। तब भागवत उनसे मिलने के लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे। इलियासी के बयान की कई मुस्लिम संगठनों ने आलोचना की है और उन्हें समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी गई है। इलियासी के संगठन में भी बयान के बाद से बवाल मचा हुआ है।
कौन हैं अहमद इलियासी
इमाम उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेश के मुखिया हैं और इस संगठन से देश भर की हजारों मस्जिदें जुड़ी हुई हैं। इन्हें इंटरनेशनल लेवल पर प्रमुख प्रगतिशील धार्मिक गुरू के तौर पर जाना जाता है। इलियासी प्रभावी मुस्लिम धार्मिक गुरू हैं। कहा जा सकता है कि वे इमामों के भी इमाम हैं। वे कई बार पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं। धार्मिक सद्भाव बढ़ाने के लिए वे हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई धर्मगुरूओं से संवाद करते रहते हैं। इन्हें कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
सीएए-एनआरसी औ पीएफआई पर राय
डॉ. उमर अहमद इलियासी ने बैन संगठन पीएफआई का समर्थन करने वालों को देश विरोधी मानसिकता का बताया है। उन्होंने सीएए और एनआरसी पर भी अपने विचार खुलकर रखे थे। जिस वक्त देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, उस वक्त इलियासी ने कहा कि था कि विरोध करने वाले पहले इसे ठीक से पढ़ें और समझें।
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