क्या धर्म बदलने पर SC आरक्षण का फ़ायदा रोका जा सकता है? इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्पष्ट हिदायत

Published : Dec 03, 2025, 08:12 AM IST
Allahabad high court orders no sc benefits for converts to christianity 2025

सार

इलाहाबाद HC ने आदेश दिया कि ईसाई धर्म अपनाने वाले पूर्व SC सदस्यों को SC फ़ायदे नहीं मिलेंगे। धर्म परिवर्तन के बाद SC दर्जा बनाए रखना धोखाधड़ी माना जाएगा। कोर्ट ने अल्पसंख्यक विभाग और मजिस्ट्रेटों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक ऐसा आदेश दिया है जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जो व्यक्ति हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाता है, उसे अब SC यानी अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले फ़ायदे नहीं मिलेंगे। यह आदेश जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी ने 21 नवंबर 2025 को दिया। कोर्ट ने साफ़ किया कि धर्म बदलकर SC लाभ लेना संविधान के खिलाफ़ होगा और आरक्षण नीतियों के सिद्धांतों के साथ धोखा होगा।

धर्म बदलने के बाद SC लाभ क्यों बंद?

दरअसल, SC लाभ केवल हिंदू, सिख और बौद्ध समुदाय के लिए ही आरक्षित हैं। ईसाई धर्म अपनाने पर जाति व्यवस्था खत्म हो जाती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई धर्म बदलकर SC लाभ पाने की कोशिश करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इसलिए अब यूपी सरकार को यह पक्का करना होगा कि धर्म परिवर्तन के बाद किसी को भी SC लाभ न मिले।

यूपी सरकार को क्या निर्देश मिला?

हाई कोर्ट ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और सभी जिला मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया है कि वे धर्म परिवर्तन और SC लाभ के मामलों की पहचान करें और चार महीने के भीतर सख्ती से कार्रवाई करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसे समझौता करने वाला मामला नहीं माना जाएगा।

यह आदेश कैसे आया?

यह आदेश एक मामले में आया, जिसमें जितेंद्र साहनी नाम के व्यक्ति ने दावा किया कि उसने ईसाई धर्म का प्रचार करने की अनुमति मांगी थी। साहनी पहले SC कम्युनिटी से थे, लेकिन उन्होंने धर्म बदल लिया। कोर्ट ने कहा कि धर्म बदलने के बाद SC दर्जा कायम रखना गलत होगा। सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ईसाई धर्म अपनाने पर कोई व्यक्ति SC जाति का सदस्य नहीं रह जाता।

क्या अब नियम और सख्त होंगे?

हाई कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन को इन मामलों पर सख्ती से नजर रखनी होगी। किसी को भी धोखे से SC लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धर्म परिवर्तन के बाद SC लाभ पाने का दावा अब संभव नहीं है।

क्या यह आदेश समाज में बदलाव लाएगा?

यह आदेश न केवल धर्म परिवर्तन और आरक्षण के बीच स्पष्ट सीमा तय करता है, बल्कि लोगों को चेतावनी भी देता है कि संविधान और कानून के साथ धोखा नहीं किया जा सकता। अब यूपी में धर्म बदलने और SC लाभ पाने के मामलों पर सख्ती बढ़ जाएगी।

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