देश में गहराया बिजली संकट, रेलवे ने बिजली सप्लाई सुचारू रखने के लिए 753 ट्रेनों को किया कैंसिल

देश में कोयला संकट गहराने के साथ ही बिजली संयंत्रों के उर्जा उत्पादन को झटका लगा है। देश में कोयला स्टॉक की कमी ने बिजली उत्पादन को प्रभावित किया है। 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 29, 2022 10:15 PM IST / Updated: Apr 30 2022, 07:08 AM IST

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को 753 पैसेंजर्स ट्रेन्स को रद्द कर दिया है। रेलवे ने यह निर्णय बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अपनी खपत कम करने के लिए किया है। यह ट्रेनें गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों व कम व्यस्त मार्ग पर चल रही थीं जिनको अगले 7-10 दिनों तक फिलहाल रद्द किया गया है। दरअसल, भीषण गर्मी के बीच कई राज्यों में 2 से 8 घंटों तक बिजली कटौती की जा रही है। 

देश में कोयला संकट के बीच मांग बढ़ी, 

देश में शुक्रवार को 207.111 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की रिकॉर्ड हाई डिमांड बिजली की थी। यह 5.4%, या 10,778 मेगावाट (मेगावाट) की चरम बिजली की कमी की पृष्ठभूमि के खिलाफ आता है। भारत को शुक्रवार को 4% या 192 मिलियन यूनिट (MU) की ऊर्जा की कमी का सामना करना पड़ा।

संयंत्रों को चालू रखने के लिए 1.85 मिलियन टन कोयला जलता

भारत के बिजली संयंत्र बिजली पैदा करने के लिए हर दिन लगभग 1.85-1.87 मिलियन टन (mt) कोयला जलाते हैं। लेकिन देश के स्टॉक में इमरजेंसी कोयला कुछ दिनों का ही बचा हुआ है।

कुछ ही दिनों का स्टॉक बचा

देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक, राज्य द्वारा संचालित कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के पास 56.7 मिलियन टन का ईंधन स्टॉक है। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में कोयला स्टॉक और कैप्टिव कोयला ब्लॉक क्रमशः 4.3 मिलियन टन और 2.3 मिलियन टन है। इसके अलावा, सीआईएल साइडिंग पर 2 मिलियन टन अतिरिक्त उपलब्ध है। अनिश्चित स्थिति से निपटने के लिए, CIL ने राज्य और केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले बिजली उत्पादन संयंत्रों को 5.75 मिलियन टन कोयले की पेशकश की है।

कोयला स्टॉक किया नहीं, बरसात में सबसे अधिक मुश्किल

हालांकि, राज्यों के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के सामने बड़ा बिजली संकट तो तब आएगा जब खदानें बंद हो जाती हैं। मानसून की तैयारी करते हुए कोयला स्टॉक हुआ नहीं है और उस समय खदानें भी बंद रहती हैं। ऐसे में मानसून के दौरान कोयले का स्टॉक नहीं कर पाने का नतीजा सितंबर और अक्टूबर में बड़ा संकट पैदा कर सकता है।

डिस्कॉम का भी बिजली बकाया...

केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अनुसार, डिस्कॉम का बिजली उत्पादन कंपनियों को ₹1.05 ट्रिलियन और ट्रांसमिशन बकाया में ₹4,459 करोड़ का बकाया है। 

मई में बढ़ेगा पीक ऑवर डिमांड

कोल इंडिया लिमिटेड के स्तर और बिजली व्यवस्था दोनों में प्रणाली में पर्याप्त कोयला है। बिजली उत्पादन की वृद्धि की गति लगभग 11% है, जो पिछले 38 वर्षों में सबसे अधिक है। पावर मिनिस्ट्री के मुताबिक, मई में पीक पावर डिमांड 8% बढ़ने की उम्मीद है। 

108 बिजली स्टेशनों केपास सात दिनों से भी कम 

कुल 108 कोयला आधारित बिजली स्टेशनों के पास सात दिनों से भी कम का कोयला भंडार है। इनमें से 88 घरेलू कोयले की आपूर्ति से संचालित होते हैं और 12 आयातित कोयले पर चलते हैं। देश में 204 गीगावॉट की कोयला-ईंधन वाली बिजली परियोजनाएं भारत की बिजली उत्पादन का मुख्य आधार हैं और भारत की बिजली उत्पादन क्षमता के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। इकरा के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख विक्रम वी ने कहा कि हीटवेव को देखते हुए बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है।

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