महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और जानकारी ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने राज्य सरकार ने इस वीभत्स घटना पर रिपोर्ट तलब की है।
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और जानकारी ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने राज्य सरकार ने इस वीभत्स घटना पर रिपोर्ट तलब की है। गुरुवार को पालघर जिले के कासा इलाके में रात 9.30 से 10 बजे के बीच 100 से ज्यादा लोगों ने दो साधुओं और उनके एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
उद्धव ने कहा, CID जांच हो रही है
उद्धव ठाकरे ने बताया की उनकी पालघर मामले पर अमित शाह ने बात हुई। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एडीजी सीआइडी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया गया है। इस घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, कोई भी ये न सोचे की लॉकडाउन हटा दिया गया है। अगर इस तरह की घटना सामने आती रही तो हम सख्त कदम उठायेंगे।
साधुओं की हत्या पर योगी ने भी लगाया था फोन
पालघर में साधुओं की हत्या पर योगी आदित्यनाथ ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, पालघर,महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के सन्तों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी व उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े जी की हत्या के सम्बन्ध में कल शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे जी से बात की और घटना के जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हेतु आग्रह किया।
हत्या पर महाराष्ट्र सरकार ने क्या कहा?
साधुओं की मॉब लिंचिंग पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कहा गया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधुओं, 2 ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।
मुंबई से सूरत जा रहे थे साधु
घटना गुरुवार की रात 9.30 से 10 बजे के बीच हुई। दो साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से सूरत जा रहे थे। उनकी कार पालघर के कासा के पास पहुंची। कासा में अपहरण और चोरी की अफवाह फैली थी। अफवाह थी कि अपहरण कर किडनी निकाल ले रहे हैं।
अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों साधु अपने ड्राइवर के साथ अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। कासा में पहुंचने पर गांव के लोगों ने उन्हें कार से बाहर खींचकर पत्थर और डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस के मुताबिक, मरने से पहले तीनों में से एक ने पुलिस को फोन किया था। मौके पर पुलिस पहुंची, तीनों को हॉस्पिटल ले गई, लेकिन रास्ते में ही तीनों ने दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने 101 आरोपियों को हिरासत में लिया है।