केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान के जोधपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर नागरिकता कानून को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
जोधपुर. केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान के जोधपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर नागरिकता कानून को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में जवाहर लाल नेहरू से लेकर महात्मा गांधी तक का जिक्र कर दिया।
अमित शाह के बयान की 10 बड़ी बातें
1- शाह ने कहा, राहुल बाबा कानून पढ़ा है, तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ। नहीं पढ़ा है तो मैं इटैलियन में इसका अनुवाद करके भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिए।
2- उन्होंने कहा, 'विपक्ष के लोग देश को गुमराह कर रहे हैं कि इससे भारत के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी, लेकिन मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये कानून नागरिकता देने का है, किसी की नागरिकता छीनने का नहीं है।'
3- गृह मंत्री ने कहा, कांग्रेस पार्टी गुमराह कर रही है, वो कह रही है कि ये कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करेगा। किसी भी धर्म को हमने बाकी नहीं रखा है, इन 3 देशों जो minority है चाहे वो हिन्दू हो, सिख हो, जैन, बौद्ध, पारसी या ईसाई हो इन सभी को हम नागरिकता दे रहे हैं।
4- शाह ने कहा, ये नरेन्द्र मोदी का शासन है, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकता कानून पर यहां तक की सब पार्टियां एक साथ आ जाएं। भाजपा अपने इस कदम से पीछे नहीं हटेगी। विपक्ष इस मामले में कितना भी भ्रम फैला ले।
5- 'कांग्रेस को वोटबैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है, उसने इस कानून पर दुष्प्रचार किया है।'
6- गृह मंत्री ने कहा, कांग्रेस पार्टी वोट बैंक के डर से हिम्मत नहीं कर पाई। लेकिन 56 इंच की छाती वाले नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि ये जो लाखों करोड़ों शरणार्थी आएं हैं, इनके मानवाधिकार और सम्मान की रक्षा मैं करूंगा।
7- 'नेहरू-लियाकत समझौते में दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के संरक्षण का भरोसा दिया गया था। हमारे यहां अल्पसंख्यक भाई-बहनों को सम्मान से रखा गया। लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर आ गए।'
8- शाह ने कहा, ''अशोक गहलोत साहब हमने कुछ नया नहीं किया है, आपके घोषणा पत्र के एक प्वाइंट पर अमल किया है और आप विरोध कर रहे हो। ये सब बाद में कर लीजिए, कोटा में जो बच्चे हर रोज मर रहे हैं, उसकी चिंता कर लीजिए, माताओं की हाय लगेगी। और दिल्ली के दरबार में ज्यादा मत झुकिए।''
9- उन्होंने कहा, ये महात्मा गांधी जी का वादा था, क्या वो सांप्रदायिक थे? जवाहरलाल नेहरू ने भी संसद में कहा था कि जो हिन्दू या सिख आये हैं , हम उन्हें नागरिकता देंगे, क्या वो सांप्रदायिक थे? सरदार पटेल, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद जैसे लोगों ने कहा था।
10- शाह ने कहा, शरणार्थियों पर जो प्रताड़ना हुई है, इससे बड़ा मानवाधिकार का उल्लंघन कभी नहीं हुआ। वहां ये शरणार्थी भाई करोड़पति थे और आज उनके पास रहने की जगह नहीं है।