किसी का हाथ टूटा तो किसी का सिर फूटा...दिल्ली हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों का हाल जानने हॉस्पिटल पहुंचे शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा में घायल पुलिसवालों का हाल जानने के लिए सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम हॉस्पिटल पहुंचे। शाह ने इन दोनों अस्पतालों में भर्ती पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों से मिलकर उनके धैर्य और शौर्य की तारीफ की। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।  

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा में घायल पुलिसवालों का हाल जानने के लिए सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम हॉस्पिटल पहुंचे। शाह ने इन दोनों अस्पतालों में भर्ती पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों से मिलकर उनके धैर्य और शौर्य की तारीफ की। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हिंसा के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उच्‍च स्‍तरीय बैठक भी की थी। फिलहाल इस मामले में दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किया है।

उपराज्यपाल भी पहुंचे हॉस्पिटल

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उपराज्यपाल अनिल बैजल 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मिलने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने कहा, जो हुआ बहुत गलत हुआ, सरकार कार्रवाई कर रही है। दोनों पुलिसकर्मियों की हालत ठीक है उन्होंने मुझ से बात की। 

 

 

यूपी एडीजी ने कहा, 26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बाॅर्डर,दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया। बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया। UP गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है। 

16 राजनीतिक दलों का बड़ा फैसला

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे।

26 जनवरी के दिन क्या-क्या हुआ?

कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति दे दी। शर्त थी कि जवानों की परेड होने बाद 12 बजे से किसान दिल्ली में तीन तय रास्तों से दाखिल हो सकते हैं, लेकिन किसानों ने तय शर्त तोड़ दी।

किसानों ने कौन-कौन सी शर्त तोड़ी?

पहला तो वे तय वक्त से पहले ही दिल्ली में दाखिल हुए, दूसरा वे तय रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों से आए। ऐसे में पुलिस और किसानों के बीच विवाद हुआ। किसानों ने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए। ITO पर किसानों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारी लालकिले तक पहुंच गए और वहां पर अपना झंडा फहराया।

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