आंध्र सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, तीन-तीन राजधानी विकसित करने का विरोध, कई सांसदों ने भी किया समर्थन

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकार अपना वादा पूरा करे और किसानों की जो जमीन सरकार ने अमरावती में राजधानी विकसित करने के लिए ली थी, उसे पूरा करे।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 17, 2022 3:32 PM IST / Updated: Dec 17 2022, 09:15 PM IST

Amravati farmers protest: आंध्र प्रदेश में एक बार फिर राज्य सरकार एक की बजाय तीन-तीन राजधानियों को विकसित करने के लिए कानून लाने की योजना बना रही है। इस कानून के विरोध में शनिवार को अमरावती से आए बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। किसानों के समर्थन में विभिन्न दलों के सांसद भी शामिल हुए। किसानों का यह प्रदर्शन दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया गया। किसानों के साथ सांसद भी हाथ में तख्तियां व हल लेकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे। 

सरकार अपना पूरा करे वादा...

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जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकार अपना वादा पूरा करे और किसानों की जो जमीन सरकार ने अमरावती में राजधानी विकसित करने के लिए ली थी, उसे पूरा करे। किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीनों को अमरावती में राजधानी विकसित करने के बदले ली गई है लेकिन अब सरकार पीछे हट गई है।

अमरावती परिरक्षण समिति के अध्यक्ष शिवा रेड्डी ने कहा कि 2019 में सत्ता में आने के बाद वाईएसआर कांग्रेस ने पिछली टीडीपी सरकार के अमरावती को एकमात्र राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने के फैसले को उलट दिया। वाईएसआर सरकार ने विशाखापत्तनम और कुरनूल में दो और राजधानियां बनाने का फैसला किया। अमरावती के किसानों के साथ यह छल है।

किसानों ने दी थी अमरावती के लिए 33 हजार एकड़ जमीन

अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए टीडीपी सरकार ने किसानों से करीब 33 हजार एकड़ जमीन को लिया था। राजधानी बनाए जाने से किसान भी खुश थे। लेकिन तेलगुदेशम पार्टी की सरकार बदल जाने के बाद राज्य में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार बनी। वाईएसआर सरकार ने केवल अमरावती को राजधानी न बनाकर तीन-तीन राजधानियों को विकसित किए जाने का फैसला लिया। तीन-तीन राजधानियों का अमरावती के किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। किसानों ने सरकार के इस कदम को विश्वासघात बताते हुए उसके विरोध में जाने का फैसला किया है। रेड्डी ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगों के लिए जनता का समर्थन जुटाने के लिए पिछले साल अमरावती से तिरुपति तक एक महा पदयात्रा भी आयोजित की थी। पिछले तीन साल से किसान तीन राजधानियां स्थापित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन में जंतर मंतर पहुंच इन्होंने भी दिया समर्थन

अमरावती के किसानों का जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में कई दलों के सांसद भी सम्मिलित हुए। सांसद भी किसानों के समर्थन में हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। इसमें टीडीपी नेता जयदेव गल्ला, के राममोहन नायडू, बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली, वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के.रघरामा कृष्ण राजू सहित कई नेता मौजूद रहे। इसके अलावा सीपीआई के सचिव डी.राजा, राज्यसभा सदस्य संतोष कुमार आदि नेता भी मौजूद रहे।

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