उड़ीसा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को हॉकी खिलाड़ी आनंद टोप्पो की मौत के मामले में FIR दर्ज करने से इनकार करने पर कड़ी फटकार लगाई है। यही नहीं, अफसर को एक महीने के लिए नए सिरे से ट्रेनिंग लेने का निर्देश दिया है। पढ़िए चौंकाने वाली त्रिकोणीय प्रेम कहानी और मर्डर मिस्ट्री
कटक(Cuttack). उड़ीसा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को हॉकी खिलाड़ी आनंद टोप्पो की मौत के मामले में FIR दर्ज करने से इनकार करने पर कड़ी फटकार लगाई है। यही नहीं, अफसर को भुवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक पुलिस अकादमी( Biju Patnaik Police Academy in Bhubaneswar) में एक महीने के लिए नए सिरे से ट्रेनिंग लेने का निर्देश दिया है। पढ़िए क्या है यह बहुचर्चित केस?
1. इंफोसिटी पुलिस स्टेशन के इंसपेक्टर-इनचार्ज (IIC) को भी हाईकोर्ट ने एक वर्ष के लिए किसी भी फील्ड पोस्टिंग देने से रोक दिया है। 6 दिसंबर को एक आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि उनके द्वारा दिखाई गई निष्क्रियता अत्यधिक निंदनीय है।
2. जस्टिस एसके पाणिग्रह की सिंगल बेंच ने गुरुवार(6 दिसंबर) को मीडिया को उपलब्ध कराए गए आदेश में यह भी कहा कि उन्होंने आब्जर्व्ड किया है कि सिस्टम में संस्थागत सुस्ती(institutional lethargy) घुस गई है।
3. मामला आनंद टोप्पो (33) की हत्या से जुड़ा है। टोप्पो के बचपन के दोस्त और हॉकी खिलाड़ी बीरेंद्र लकड़ा(तस्वीर) इस मामले में आरोपी हैं। बीरेंद्र लाकड़ा पिछले साल टोक्यो खेलों में भारत की कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा थे। उन्होंने एशिया कप में राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व भी किया था, जहां टीम ने कांस्य पदक जीता था।
4. आनंद के पिता बंधना टोप्पो के अनुसार, लकड़ा ने 28 फरवरी को उन्हें फोन पर सूचित किया था कि उनका बेटा उनके भुवनेश्वर स्थित फ्लैट में बेहोशी की हालत में पड़ा मिला है।
5. हॉकी खिलाड़ी बीरेंद्र लकड़ा ने यह भी कहा कि वह टोप्पो को अस्पताल ले जा रहे हैं। टोप्पो के पिता बंधना(Bandhana) ने बाद में आरोप लगाया कि एक दिन बाद उन्हें बताया गया कि राउरकेला से भुवनेश्वर पहुंचने पर उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है।
6. बंधना ने अपनी याचिका में कहा कि कोई सुसाइड नोट नहीं था और टोप्पो के शरीर पर चोट के निशान थे। उन्होंने बीरेंद्र लकड़ा पर अपने बेटे के साथ गुंडागर्दी करने का संदेह जताते हुए कहा कि लकड़ा का उनके बेटे की मौत से कुछ लेना-देना है।
7. आनंद टोप्पो के पिता ने यह भी कहा कि पुलिस ने उनके बार-बार अनुरोध के बावजूद, मामले में FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उन्हें अक्टूबर में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
8. मृतक के पिता ने यह भी दावा किया कि बीरेंद्र लकड़ा को बचाने के प्रयास किए जा रहे थे। यह प्रयास कभी ओडिशा में DSP के रूप में काम कर चुके अधिकारी की तरफ से किए जा रहे थे।
9. आनंद के पिता ने कहा कि विशेष रूप से, इन्फोसिटी पुलिस स्टेशन ने अदालत जाने के एक महीने बाद बंधना की लिखित शिकायत को स्वीकार किया और 24 नवंबर को एक FIR दर्ज की।
10.हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि पुलिस द्वारा इस तरह की निष्क्रियता आरोपी को बचाने का एक प्रयास है, सिंगल बेच ने अपने 6 दिसंबर के आदेश में भुवनेश्वर में डिप्टी पुलिस कमिश्नर को सभी प्रभावों को दूर रखते हुए व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया। जस्टिस पाणिग्रह ने मामले में तीन महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट भी मांगी है।
11.आनंद टोप्पो को कथित तौर पर बीरेंद्र लकड़ा के इन्फोसिटी, पटिया में आयुष रेडियम के फ्लैट नंबर 401 में मृत पाया गया था। जबकि रिपोर्टों में दावा किया गया था कि उस समय केवल लकड़ा और एक लड़की(लकड़ा की गर्लफ्रेंड) फ्लैट में मौजूद थे। हालांकि पिता ने यह भी दावा किया-"मेरे बेटे की हत्या के वक्त फ्लैट में चार लोग थे। एक तीसरा शख्स भी था, जिसे अब बचाया जा रहा है।"
12. आनंद के पिता के अनुसार-“हम और बीरेंद्र पड़ोसी थे, इसलिए स्वाभाविक रूप से आनंद उनके बचपन के दोस्त थे। बीरेंद्र ने हमें 28 फरवरी को फोन करके बताया कि आनंद बेहोश है और वह उसे अस्पताल ले जा रहा है। बाद में उन्होंने हमें बताया कि आनंद अब नहीं रहे। हमने उनसे पूछा कि क्या हुआ था, लेकिन उन्होंने हमें सिर्फ भुवनेश्वर आने के लिए कहा। हम अगले दिन स्टेशन पहुंचे और अधिकारी ने हमें बताया कि आनंद ने आत्महत्या कर ली है। कोई सुसाइड नोट नहीं था।"
13. आनंद के पिता का आरोप है-हमें बहुत आग्रह के बाद आनंद का शरीर दिखाया गया था। पहली नज़र में मैंने उसकी गर्दन पर हाथ के निशान देखे। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कहा कि यह एक आत्महत्या थी।"
14.पिता के अनुसार- “शादी के 12 दिन बाद ही आनंद की मौत हो गई। 16 फरवरी को उसकी शादी हुई और 28 फरवरी को उसकी मौत हो गई। वह अपनी शादी से खुश था।”
15.सूत्रों के अनुसार, यह घटना एक प्रेम त्रिकोण के कारण हुई थी, हालांकि डिफेंडर के रूप में खेलने वाले लकड़ा और आनंद दोनों शादीशुदा थे।
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