साइमंड्स और भज्जी के बीच हुआ था क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा विवाद, जानें क्या थी वजह..

Published : May 15, 2022, 12:01 PM IST
साइमंड्स और भज्जी के बीच हुआ था क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा विवाद, जानें क्या थी वजह..

सार

क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स नहीं रहे। कार दुर्घटना में शनिवार रात को उनका निधन हो गया। उनके निधन पर पूरा खेल जगत शोक में है। उनके साथी खिलाड़ी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी बीच हरभजन सिंह ने भी शोक जताया है। जबकि पूरे क्रिकेट जगत में भज्जी और साइमंड्स का मंकीगेट विवाद काफी चर्चा में रहा था। 

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर और दो बार के वर्ल्ड कप विनर टीम के सदस्य एंड्रयू साइमंड्स (Andrew Symonds) का शनिवार रात निधन हो गया। 46 साल की उम्र में उनके निधन से पूरा खेल जगत शोक में है। साइमंड्स ने 1998 से 2009 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेला। उनके करियर में एक विवाद हमेशा चर्चा में रहा। 2007-08 में साइमंड्स के साथ हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) के बीच हुआ मंकीगेट (Monkeygate) विवाद क्रिकेट जगत के सबसे बड़े विवादों में से एक था। उनके निधन पर हरभजन सिंह ने साइमंड्स परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने एक ट्विट कर यह संदेश दिया। उन्होंने लिखा है कि एंड्रयू साइमंड्स के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूं। वे बहुत जल्द चले गए। परिवार और दोस्तों के प्रति हार्दिक संवेदना। दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना। 

2007-08 में हुआ था मंकीगेट विवाद
2007-08 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। सिडनी में सीरीज का दूसरा मैच चल रहा था। इस मैच में खराब अंपायरिंग से इंडियन टीम परेशान थी। मैच के दौरान हरभजन सिंह बल्लेबाजी कर रहे थे. तभी एंड्रयू साइमंड्स के साथ हरभजन सिंह की बहस हो गई थी। इस बहस के बीच कप्तान रिकी पोंटिंग काफी भड़क गए थे। कप्तान पोंटिंग ने अंपायर से हरभजन सिंह की शिकायत की। पोंटिंग ने भज्जी पर स्लेजिंग करने का नहीं बल्कि रेसिज्म का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि हरभजन ने साइमंड्स को मंकी यानि बंदर कहा है। 

लगाया गया था बैन
आईसीसी (ICC) के नियम के मुताबिक नस्लीय टिप्पणी करना एक बड़ा आरोप है। किसी भी तरह की नस्लीय टिप्पणी लेवल तीन का अपराध है। इसमें खिलाड़ी पर दो से चार टेस्ट का बैन लग सकता है। दिन का खेल खत्म हुआ और सुनवाई शुरू हुई। यह सुनवाई आधी रात तक चली थी। हरभजन सिंह को दोषी ठहराते हुए तीन मैचों का बैन लगा दिया गया था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया था। इस मैच के बाद असली विवाद शुरू हो गया। पूरी इंडियन टीम और कप्तान अनिल कुंबले इस विवाद में हरभजन का साथ दे रही थी। उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो अगला मैच जब तक नहीं खेलेंगे, जब तक भज्जी पर लगाए गए नस्लभेदी टिप्पणी के आरोप वापस नहीं लिए जाते हैं। मामला बढ़ता देख आईसीसी ने इसकी सुनवाई न्यूजीलैंड के जज हैन्सन को सौंप दी। जज ने सुनवाई के बाद भज्जी पर लगो सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा कि हरभजन ने साइमंड्स को 'तेरी मां की' कहा था। इसी वजह से इस विवाद को मंकीगेट विवाद कहा जाने लगा। 

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