निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने में हो रही देर के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे में शुक्रवार को रालेगण सिद्धि गांव में मौन व्रत शुरू किया। उनकी मांग है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मामले में तेजी से सुनवाई हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने में हो रही देर के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे में शुक्रवार को रालेगण सिद्धि गांव में मौन व्रत शुरू किया। उनकी मांग है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मामले में तेजी से सुनवाई हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
9 दिसंबर को पीएम मोदी को लिखा था पत्र
अन्ना हजारे ने 9 दिसंबर को पीएम मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि वह 20 दिसंबर को मौन व्रत करेंगे। उन्होंने लिखा था कि मैंने निर्भया मामले में त्वरित न्याय के लिए अपना मौन व्रत शुरू कर दिया है और यदि यह नहीं मिलता है तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा।
"लोगों में न्यायपालिका के प्रति कम हो रहा भरोसा"
अन्ना हजारे ने कहा, दिल्ली सहित कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। देश के लोगों ने न्यायपालिका और पुलिस पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है। हैदराबाद बलात्कार में चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत का लोगों के स्वागत किया था। यह इसका उदाहरण है।
CAA के विरोध में क्या कहा?
अन्ना हजारे ने सीएए के विरोध में कहा, आंदोलन करना यह संविधान ने दिया अधिकार है। न्याय नहीं मिलता तो आंदोलन करना जरूरी है। आंदोलन में हिंसा नहीं होनी चाहिए। अंहिसा के मार्ग से आंदोलन होना चाहिए।