इंटरनेट सेवा रोकी, स्कूल- कॉलेज बंद, तनाव के बीच अनुपम खेर बोले- कश्मीर समस्या का हल शुरू

सरकार ने अमरनाथ यात्रा को बीच में रोक दिया गया था। इसकी वजह इलाके में बारूदी सुरंग और पाक में बनी स्नाइपर राइफल मिली थी। एलओसी के पास खुफिया एजेंसी को बड़े आतंकी हमले के इनपुट्स मिले थे। जिसके बाद पर्यटकों को वापस लौटने की एडवाइजरी जारी की गई थी। 

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में हलचल बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है। इनके अलावा सज्जाद लोन को नजरबंद किया है। राज्य के अधिकतर जिलों में धार-144 लगा दी गई है। पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। राज्य के स्कूल और कॉलेज को भी बंद किया गया है। वहां राज्य में संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। कश्मीर में चल रहे पूरे घटनाक्रम के बीच एक्टर अनुपम खेर का ट्वीट सामने आया है। उन्होंने कहा- कश्मीर का समाधान शुरू हो गया है। बता दें, इससे पहले भी अनुपम मोदी सरकार के कामकाज की तारीफ करते रहे हैं। अनुपम खेर का मानना है कि कश्मीर में कुछ सकारात्मक होने वाला है।  कश्मीर में जिस तरह के हालात है, उससे माना जा रहा है कि धारा 370 और आर्टिकल 35 ए को सरकार खत्म कर सकती है। 

 

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का ट्वीट आया है। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि आज आधी रात से मुझे नजरबंद किया गया है। कई अन्य नेताओं के लिए भी ये प्रक्रिया शुरू हो गई है।'

 

 

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा- ये कैसी विडंबना है, कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जो शांति के लिए लड़े थे, उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। दुनिया देख रही है, जम्मू कश्मीर में लोगों और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। वह कश्मीर जिसने एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को चुना था। अकल्पनीय उत्पीड़न का सामना कर रहा है। जागो भारत जागो।

स्नाइपर और बारूदी सुरंग मिली थी

इससे पहले सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए  अमरनाथ यात्रा को बीच में रोक दिया गया था। इसकी वजह इलाके में बारूदी सुरंग और पाक में बनी स्नाइपर राइफल मिली थी। एलओसी के पास खुफिया एजेंसी को बड़े आतंकी हमले के इनपुट्स मिले थे। जिसके बाद पर्यटकों को वापस लौटने की एडवाइजरी जारी की गई थी। 

महबूबा मुफ्ती ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
 

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हालातों को देखते हुए राज्य में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें बीजेपी को छोड़कर सभी दल शामिल हुए थे।  इस दौरान नेशनल कांफ्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान से अपील की थी। उन्होंने कहा था - दोनों देश ऐसे कदम न उठाएं, जिससे राज्य में तनाव की स्थिति बने। हम सब मिलकर राज्य के विशेष दर्जे की हिफाजत करेंगे। इस बैठक में राज्य में बने मौजूदा हालात और आर्टिकल 35 ए पर भी चर्चा की गई। 

क्या है आर्टिकल 35 ए
आर्टिकल 35A संविधान में जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता है। 1954 के राष्ट्रपति के आदेश से ये संविधान में जोड़ा गया था। इसके तहत राज्य के स्थायी निवासियों की पहचान, जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोग संपत्ति नहीं ख़रीद सकते और बाहरी लोग राज्य सरकार की नौकरी नहीं कर सकते हैं। 

क्या है धारा 370

धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए सरकार के पास सिर्फ कुछ कानून बनाने का अधिकार है। इसमें रक्षा, विदेशी मामले और संचार के विषय शामिल हैं। वहीं अन्य कानून बनाने के लिए सरकार को राज्य सरकार से अनुमोदन लेना होता है। इसी कानून के तहत राज्य में 356 लागू नहीं होती।राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।

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