अरुण जेटली को थी ये खतरनाक बीमारी

Published : Aug 24, 2019, 01:10 PM ISTUpdated : Aug 24, 2019, 06:08 PM IST
अरुण जेटली को थी ये खतरनाक बीमारी

सार

 14 मई 2018 को एम्स में अरुण जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके लिए डॉक्टरों की टीम बाहरी अस्पतालों से आई थी। इसके साथ ही 2014 में जेटली की गैस्ट्रिक सर्जरी भी हुई थी। वो डायबिटीज के भी पेशेंट थे। 

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का शनिवार दोपहर निधन हो गया। वे 66 साल के थे। 9 अगस्त को एम्स में चेकअप कराने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया था। उन्हें कमजोरी और घबराहट की शिकायत के बाद भर्ती करवाया गया था। बता दें कि जेटली को सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा (कैंसर) था और इसी का इलाज चल रहा था। दरअसल उनके फेफड़े में यह टिश्यू पाया गया था और वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क भी गए थे। बाद में फरवरी, 2019 में वापस लौटे थे। इसी वजह से पिछली सरकार में वो अंतरिम बजट भी पेश नहीं कर पाए थे।

क्या है सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा?
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर का ही एक प्रकार है, जो कि हडि्डयों या मांसपेशियों जैसे टिश्यू में शुरू होता है। सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा 50 से ज्यादा से ज्यादा तरह का होता है। आमतौर पर यह बाजुओं,पैरों या फिर पेट में शुरू होता है। इस तरह के ट्यूमर को डायग्नोस करने में काफी दिक्कत होती है, क्योंकि इसकी वजह से और कई तरह के टिश्यू की ग्रोथ बढ़ने लगती है। 

क्यों होता है सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा?
कुछ खास केमिकल्स के संपर्क में आने, रेडिएशन थैरेपी करवाने या किसी तरह के आनुवंशिक (जेनेटिक) रोग होने की वजह से इसका जोखिम और बढ़ जाता है। वैसे तो हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टिश्यू ट्यूमर होते हैं लेकिन सभी कैंसरस नहीं होते। सॉफ्ट टिश्यू में कई मामूली ट्यूमर भी होते हैं, लेकिन इनमें कैंसर नहीं होता और वे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल नहीं सकते। लेकिन जब इस तरह की बीमारी के साथ सरकोमा जुड़ जाता है तो इसका मतलब है कि उस ट्यूमर में कैंसर विकसित हो चुका है और वह घातक है।

और भी कई बीमारियों से जूझ रहे थे जेटली...
जेटली सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर के अलावा और कई बीमारियों से जूझ रहे थे। 14 मई 2018 को एम्स में उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके लिए डॉक्टरों की टीम बाहरी अस्पतालों से आई थी। इसके साथ ही 2014 में जेटली की गैस्ट्रिक सर्जरी भी हुई थी। वो डायबिटीज के भी पेशेंट थे। 

ये भी पढ़ें:  10 अनसुने किस्सेः जब अरुण जेटली ने भरी थी रजत शर्मा की फीस, कंधे पर हाथ रख कहा था- चलो चाय पिलाता हूं

ये भी पढ़ें: गोधरा से राफेल तक, बुरे वक्त में मोदी-शाह के संकट मोचक थे अरुण जेटली
 

PREV

Recommended Stories

Goa Nightclub Fire Case: लूथरा ब्रदर्स का दावा- हमें गलत तरीके से फंसाया जा रहा
शशि थरूर ने ‘वीर सावरकर अवॉर्ड’ लेने से क्यों किया इनकार? जानें वजह क्या है?