नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिल गई है। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi liquor scam) मामले में गिरफ्तार होने के बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया। केजरीवाल जेल से बाहर आकर भी सीएम ऑफिस में नहीं घुस पाएंगे।
CBI ने केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था। जमानत मिलने के बाद उनके 155 दिनों बाद जेल से बाहर आने का रास्ता मिला है। वह 1 अप्रैल से जेल में बंद हैं। गिरफ्तार किए जाने के बाद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। जमानत देते हुए जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों को बरकरार रखा। इसके अनुसार अरविंद केजरीवाल अपने ऑफिस में नहीं जा सकते और दिल्ली सरकार की आधिकारिक फाइलों पर साइन नहीं कर सकते।
अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रखी ये 5 शर्तें
1. जेल से बाहर आने के लिए 10 लाख रुपए का जमानत बांड भरना होगा।
2. दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर केजरीवाल कोई कमेंट नहीं करेंगे।
3. सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना होगा, जब तक कि कोर्ट से छूट न दी जाए।
4. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल दिल्ली सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश नहीं करेंगे।
5. वह आधिकारिक फाइलों पर साइन नहीं करेंगे।
10 मई को अरविंद केजरीवाल को मिली थी अंतरिम जमानत
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को इससे पहले 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी ताकि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें। उन्होंने 2 जून को सरेंडर किया था। इसके बाद से जेल में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया है। यह तब किया गया जब उन्हें ईडी मामले में जमानत मिलने वाली थी।
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